क्या AI के कारण खत्म हो जाएगी इंसानों की जरूरत, कितना सही है इसे युद्ध और महामारी से खतरनाक बताना
AI Technology Risk एआई टेक्नोलॉजी इंसानों के बहुत से कामों में एक बड़ी मदद बन रही है। हालांकि इसके खतरों को लेकर ग्लोबल लीडर्स तक परेशान हैं। ग्लोबल मंच पर लगातार चर्चाओं का दौर चल रहा है। (फोटो- जागरण)
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Wed, 31 May 2023 07:11 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी इंसान के हर काम को आसान बना रही है। बीते साल अमेरिका बेस्ड एआई स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसे चैटबॉट को तैयार किया, जो इंसानों से बात करने की खूबी के साथ आया। यह चैटबॉट यूजर के लिए न सिर्फ चैटिंग करने की खूबी के साथ आया था, बल्कि यूजर के लिए उसके मुश्किल कामों में उसका साथी भी बना।
एआई टेक्नोलॉजी को लेकर ग्लोबल लीडर क्यों हैं परेशान?
चैटजीपीटी, इंसान की बुद्धि से तेज और सभी सवालों के जवाब सेकंडों में देने वाला चैटबॉट मॉडल है। हालांकि, अनेकों खूबियों के बावजूद भी यह चैटबॉट मॉडल ग्लोबल लीडर्स के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।
चैटबॉट से जुड़ी यह चिंता इसके गलत इस्तेमाल से होने वाले खतरनाक नुकसानों को लेकर है।
क्या युद्ध और महामारी जैसा खतरनाक है एआई?
एआई आधारित चैटजीपीटी को लेकर ग्लोबल लीडर्स का मानना है कि चैटबॉट समाज में गलत जानकारियों के फैलने का सोर्स बन सकता है। बीते साल नवंबर के बाद से ही ऐसे कई घटनाएं सामने आ चुकीं हैं, जिनमें साइबर अपराधियों ने चैटजीपीटी जैसे एआई चैटबॉट को अपना हथियार बनाया है।
साइबर अपराधियों की मदद करते हुए चैटबॉट कई यूजर्स को ठगे जाने का जरिया बना है। चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट की खूबियों तो हैं, लेकिन इसके खतरे समाज के लिए किसी युद्ध या महामारी जैसे हैं, जिनसे निपटना केवल किसी एक देश का काम नहीं हो सकता है।