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आपको भी WhatsApp पर आते हैं ऑडर डिलीवरी मैसेज तो हो जाएं सावधान, Jio , Airtel और Vi ने दी नेशनल सिक्योरिटी की चेतावनी

पिछले कुछ दिनों से हमें हमारी आर्डर की डिलीवरी और अन्य मैसेज हमारे वॉट्सऐप पर आने लगे है। हमारे लिए ये एक आम बात है लेकिन टेलीकॉम कंपनी ने इसको नेशनल सिक्योरिटी के रूप में दर्शाया है। इसके लिए COAI ने अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट पर दूरसंचार से जुड़ी कानून नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Sat, 04 Nov 2023 12:37 PM (IST)
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WhatsApp पर आते हैं ऑडर डिलीवरी मैसेज तो हो जाएं सावधान
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर जब आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो ई-कॉमर्स साइट आपको मैसेज के माध्यम से सभी अपडेट को देते हैं। अब कुछ दिनों से कंपनियों ने इन मैसेजेस को वॉट्सऐप पर भेजना शुरू कर दिया है।

इसके अलावा अन्य प्लेटफॉर्म चाहे वो बैंक हो या कोई शापिंग कॉमप्लेक्स, वे अपने ऑफर्स और डिटेल्स को वॉट्सऐप पर भेजने लगे हैं। मगर टेलीकॉम कंपनियों यानी Jio, Airtel और Vi ने इसपर आपत्ति जताई है।

एक नई जानकारी सामने आई है कि सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने इस नए बदलाव का विरोध किया है।

लेटर लिखकर जताई चिंता

एसोसिएशन ने सचिव नीरज मित्तल पत्र लिखा, जिसमें COAI ने Microsoft और अमेजन जैसी अन्य कज्यूमर टेक्नोलॉजी कंपनियों पर आरोप लगाया कि वह इन मैसेजेस को भेजकर कंपनियां लीगल टेलीकॉम रूट को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। इस वजह से केंद्र और टेलीकॉम कंपनियों को 3,000 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व नुकसान हो सकता है।

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इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया कि यह न केवल लाइसेंसिंग और सुरक्षा मानदंडोंका उल्लंघन है, बल्कि सरकार राजस्व और विदेशी मुद्रा आय का भी नुकसान है। इस पत्र में COAI ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सरकार को WhatsApp और टेलीग्राम पर जैसे प्लेटफॉर्म को इस तरह के मैसेज के लिए नाजायज रुट घोषित कर देना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

एसोसिएशन ने बताया टेलीकॉम कंपनियों की नियमित SMS सेवा इस तरह के मैसेजेस के लिए ही डिजाइन किया है। इसके लिए कंपनियों को लाइसेंस मिलता है , लेकिन अब ये कंपनियां इन लाइसेंसिंग नार्म्स और रेगुलेशन्स को दरकिनार करके लाइसेंस प्राप्त रूट के बजाय OTT प्लेटफॉर्म यानी वॉट्सऐप और टेलीग्राम का इस्तेमाल करते हैं, जिससे ट्राफिक डायवर्ट होता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि ये प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं,ऐसे में ये तरीका यूजर्स की सुरक्षा को प्रभावित करता है। साथ ही ये तरीका सरकार की निगरानी से बाहर है, जिस कारण यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है , जिससे इसे बचाना जरूरी है।

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