इस साल हर छोटे शहर तक पहुंचेगा Airtel का 5G नेटवर्क, जानिए क्या है कंपनी का प्लान
भारती एयरटेल का नेट प्रॉफिट एक साल पहले के 4255 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 8346 करोड़ रुपये हो गया है। एयरटेल का दावा है कि वो इस साल के आखिरी तक पुरे शहर और कुछ गांव को 5G नेटवर्क से लैस कर देंगे। (फोटो जागरण)
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Thu, 18 May 2023 02:35 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। अगर आप एयरटेल का सिम इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी अच्छी खबर है। भारती एयरटेल को उम्मीद है कि इस साल शहरी क्षेत्रों और कुछ प्रमुख ग्रामीण इलाकों में 5जी रोलआउट पूरा हो जाएगा। भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल (Airtel Managing Director Gopal Vittal ) ने कंपनी की अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि नॉन-स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क पर बेहतर कवरेज मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि वो इस साल के आखिरी तक पुरे शहर और कुछ गांव को 5G नेटवर्क से लैस कर देंगे। बता दें, फिलहाल एयरटेल का 5G नेटवर्क 7,000 शहरों में से 3,500 शहरों और कस्बों में हैं। कंपनी ने 4G नेटवर्क में क्षमता विस्तार करना बंद कर दिया है क्योंकि कंपनी उन क्षेत्रों में 30 प्रतिशत तक ट्रैफिक ऑफलोड देख रही है जहां 5G लॉन्च किया गया है।
टैरिफ में हो सकती है बढ़ोतरी
भारत में कंपनी का पूंजीगत खर्च मार्च 2023 तिमाही में एक साल पहले के 4,276.7 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक बढ़कर 8,989.4 करोड़ रुपये हो गया है। 6,647.1 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का अधिकांश हिस्सा मोबाइल बिजनेस में लगाया गया क्योंकि कंपनी ने अखिल भारतीय 5G नेटवर्क का निर्माण जारी रखा है।
कंपनी चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष 2023 से 193 रुपये के अधिकतम उद्योग ARPU के साथ बाहर हो गई। उन्होंने कहा कि नियोजित पूंजी पर रिटर्न अभी भी 8.5 प्रतिशत पर बहुत कम है और उम्मीद है कि उद्योग में टैरिफ को जल्द से जल्द बढ़ाने के लिए कुछ समझदारी होगी।
21 प्रतिशत बढ़ा एयरटेल का प्रॉफिट
भारत में मोबाइल सेवा बिजनेस का वार्षिक राजस्व वित्त वर्ष 2023 में 21 प्रतिशत बढ़कर 75,924.6 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 22 में 62,915.1 करोड़ रुपये था। 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिए, भारती एयरटेल का नेट प्रॉफिट एक साल पहले के 4,255 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 8,346 करोड़ रुपये हो गया। 2022-23 के लिए भारती एयरटेल के परिचालन से समेकित राजस्व 2021-22 के अंत में 1,16,546.9 करोड़ रुपये से 19.3 प्रतिशत बढ़कर 1,39,144.8 करोड़ रुपये हो गया।