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इस खेल में कंप्यूटर ने इंसान को दी मात

कंप्यूटर ने इंसानों को एक बड़ी दिमागी लड़ाई में हरा दिया है। गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोग्राम ने चीन के ढाई हजार साल पुराने खेल में इंसान को मात दे दी।

By Manish NegiEdited By: Updated: Fri, 29 Jan 2016 12:24 PM (IST)
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लंदन। कंप्यूटर ने इंसानों को एक बड़ी दिमागी लड़ाई में हरा दिया है। गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोग्राम ने चीन के ढाई हजार साल पुराने खेल में इंसान को मात दे दी। इस खेल 'गो' को अब तक कंप्यूटर के लिए सबसे जटिल माना जाता रहा है।

गूगल डीपमाइंड द्वारा विकसित प्रोग्राम अल्फागो ने विशेष खेल 'गो' में तीन बार के यूरोपीय चैंपियन फान हुई को हराया। फान 12 साल की उम्र से ही इस खेल से जुड़े हैं। अल्फागो ने उनके साथ खेले गए पांच मैचों में से सभी में जीत दर्ज की। इस सफलता को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। जीत इस बात का प्रमाण है कि यह कंप्यूटर प्रोग्राम परिस्थितियों के अनुसार सीखने में सक्षम है। मार्च, 2016 में अल्फागो का सामना 'गो' के बेताज बादशाह ली सेडोल से सियोल में होगा। इन दोनों के बीच पांच मैच खेले जाएंगे।

क्या है 'गो'

'गो' एक चीनी खेल है। शतरंज की तरह इसे भी एक चौकोर खानों वाले बोर्ड पर खेला जाता है। इसमें सफेद और काले रंग की गोटियां होती हैं। विभिन्न तरीकों से इसमें विपक्षी की गोटियों को चारों ओर से घेरना होता है।

क्या है जटिलता

विशेषज्ञों का कहना है कि 'गो' खेलते समय संभावित विकल्पों की संख्या ब्रह्माांड में उपस्थित परमाणुओं की संख्या से भी ज्यादा है। आमतौर पर बोर्ड वाले खेलों के लिए तैयार कंप्यूटर प्रोग्राम संभावनाओं पर ही काम करते हैं। यही वजह है कि इसे कंप्यूटरों के लिए सबसे मुश्किल खेलों की आखिरी श्रेणी में रखा गया है।

कैसे मिली सफलता

डीपमाइंड के डेमिस हैसाबिस ने बताया, 'अल्फागो के लिए हमने ट्री सर्च और न्यूरल नेटवर्क वाला सिस्टम बनाया। इस नेटवर्क सिस्टम को 'गो' पर विशेषज्ञ लोगों द्वारा चली गई तीन करोड़ चालों पर प्रशिक्षण दिया गया।' अल्फागो मनुष्य द्वारा चली जाने वाली 57 फीसद चालों का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है। इस आधार पर यह अपने लिए नई चाल भी सोचता है।