APJ Abdul Kalam Death Anniversary : राष्ट्रपति के साथ वैज्ञानिक के रूप में भी नहीं भूला पाएंगे एपीजे अब्दुल कलाम को
APJ Abdul Kalam Death Anniversary भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज 7वीं पुण्यतिथि है। एपीजे अब्दुल कलाम 40 साल तक DRDO और ISRO से जुड़े रहें। विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के कारण उन्हें Missile Man कहा जाता है।
By Kritarth SardanaEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 01:44 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। APJ Abdul Kalam Death Anniversary भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज 27 जुलाई को 7वीं पुण्यतिथि है। वह देश के 11वें राष्ट्रपति थे। Dr APJ Abdul Kalam एक लोकप्रिय राष्ट्रपति के साथ महान एयरोस्पेस वैज्ञानिक भी थे। उन्होंने विज्ञान और खास तौर पर मिसाईल के क्षेत्र में जो बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं उसके लिए ही उन्हें Missile Man कहा जाता हैं।
विज्ञान से जुड़ा उनका करियर
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म और पालन-पोषण तमिलनाडु के रामेश्वरम में ही हुआ था। अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सन 1954 में फिसिक्स (Physics) में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह सन 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए मद्रास चले गए।फिर अब्दुल कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास सेवा (DRDS) के सदस्य बनें। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छोटा होवरक्राफ्ट डिजाइन करके की। अब्दुल कलाम प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक, विक्रम साराभाई के अधीन काम करने वाली INCOSPAR टीम का भी हिस्सा थे। फिर सन 1969 में, कलाम को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में ट्रांसफर कर दिया गया। यहां वे भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल SLV-III के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे, जिसने जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह को निकट-पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक तैनात किया था।
एपीजे अब्दुल कलाम ने 40 साल तक एक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक (science administrator) के रूप में मुख्य रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में बिताए। इसके साथ ही वह भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों में भी गहराई से शामिल थे।
वो उपलब्धियां जिसने उन्हें Missile Man बनाया
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास और संचालन में अहम भूमिका निभाई थी।
- बैलिस्टिक मिसाइलों और व्हीकल टेक्नोलॉजी (Vehicle Technology)के सफल विकास के लिए एयरोस्पेस वैज्ञानिक अब्दुल कलाम को 'मिसाइल मैन' की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- अब्दुल कलाम ने 1998 में भारत के पोखरण 2 न्यूक्लियर टेस्ट में एक बड़ा संगठनात्मक, तकनीकी और राजनीतिक रोल अदा किया था। यहीं कारण है कि मिसाइल मैन की मिली उपाधि से वो और भी लोकप्रिय होते चले गए ।