Move to Jagran APP

हेल्थ डेटा का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए Apple ने शुरू किया नया कैम्पेन, जानिए क्या है इसकी वजह

Apple New Health Data Privacy Campaign हेल्थ डेटा के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एपल नया कैम्पेन शुरू किया है। कैम्पेन इस गर्मी में दुनिया भर के 24 क्षेत्रों में प्रसारण सोशल मीडिया और होर्डिंग पर चलेगा। (फोटो-Apple)

By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Thu, 25 May 2023 04:23 PM (IST)
Hero Image
Apple has launched a new health data privacy campaign globally know all detail
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Apple ने बुधवार को भारत सहित वैश्विक स्तर पर हेल्थ डेटा प्राइवेसी को दिन में रखते हुए नया कैम्पेन शुरू किया है। बता दें, आजकल लाखों यूजर्स स्मार्ट गैजेट की मदद से अपनी हेल्थ पर नजर रखते हैं। इनकी डेटा को सेफ रखना जरुरी है।

कैम्पेन इस गर्मी में दुनिया भर के 24 क्षेत्रों में प्रसारण, सोशल मीडिया और होर्डिंग पर चलेगा। भारत में, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद में बिलबोर्ड मौजूद होंगे। आइए डिटेल से जानते हैं एपल का हेल्थ डेटा प्राइवेसी कैम्पेन क्या है और क्यों शुरू किया गया है।

एपल हेल्थ डेटा के मिसयूज के खिलाफ उठा रहा आवाज

इसमें एमी पुरस्कार विजेता अभिनेत्री और कॉमेडियन जेन लिंच (Jane Lynch) द्वारा आवाज दी गई एक नया विज्ञापन शामिल होगा, एक श्वेत पत्र जिसमें एपल आईफोन और हेल्थकिट में हेल्थ ऐप में स्टोर डेटा की रक्षा करने में मदद करता है, और दुनिया भर के 24 क्षेत्रों में बिलबोर्ड की मदद करता है।

हेल्थ डेटा प्राइवेसी के महत्व को रेखांकित करने के लिए, एक हास्य विज्ञापन उन लोगों की कहानी बताता है जिनके हेल्थ डेटा को लिंच द्वारा आवाज उठाई गई किसी थर्ड-पार्टी द्वारा उनकी सहमति के बिना शेयर किया जाता है। कंपनी ने हेल्थ डेटा प्राइवेसी पर एक श्वेत पत्र भी प्रकाशित किया है।

Apple नहीं करता हेल्थ डेटा शेयर

iOS डिवाइस पर हेल्थ मेट्रिक्स रिलीज करके Apple के सर्वर पर भेजे जाने वाले हेल्थ डेटा की मात्रा को कम करता है। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन वाले यूजर्स के लिए, एक डिवाइस पासकोड और iOS 12 या उसके बाद का हेल्थ ऐप डेटा चलाने वाला डिवाइस एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होता है।

नतीजतन, हेल्थ ऐप में मौजूद डेटा को कोई भी नहीं पढ़ सकता है। एपल भी इस हेल्थ डेटा को नहीं पढ़ सकता है। हेल्थ डेटा संवेदनशील होता है, इसलिए Apple ये चाहता है कि यूजर्स खुद कंट्रोल करें कि कौन सा डेटा शेयर किया जा रहा है, किसके साथ शेयर किया जाता है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।