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इन यूजर्स को नहीं मिलेंगे एपल के AI फीचर्स, इस वजह से कंपनी ने लिया फैसला

डिजिटल मार्केट एक्ट और रेगुलेटरी के कारण एपल अपने कुछ फीचर्स के लॉन्च में देरी कर सकता है। यूरोप में एपल इंटेलिजेंस आईफोन मिररिंग और शेयरप्ले स्क्रीन शेयरिंग की सुविधा के लिए वहां के यूजर्स को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। शुक्रवार को टेक दिग्गज ने घोषणा की कि वह इस साल EU में तीन फीचर्स को पेश करने पर रोक लगा रहा है।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Updated: Sat, 22 Jun 2024 12:00 PM (IST)
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डिजिटल मार्केट एक्ट और नियामक अनिश्चितताओं के कारण एपल अपने कुछ फीचर्स के लॉन्च में देरी कर सकता है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिन पहले एपल ने वर्ल्डवाइड डेवलपर कॉन्फ्रेंस में एपल इंटेलिजेंस समेत तमाम एआई फीचर्स की घोषणा की थी। कुछ फीचर्स को उसी समय रोलआउट कर दिया गया तो कुछ को धीरे-धीरे रोलआउट किया जा रहा है।

लेकिन, अब खबर आई है कि यूरोप में एपल के इन फीचर्स को मिलने में देरी हो सकती है। ऐसा डिजिटल मार्केट एक्ट और नियामक अनिश्चितताओं के कारण हो रहा है। आइए इस जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।

यूरोप में नहीं मिलेंगी एपल की ये सर्विस

डिजिटल मार्केट एक्ट और नियामक अनिश्चितताओं के कारण एपल अपने कुछ फीचर्स के लॉन्च में देरी कर सकता है। यूरोप में एपल इंटेलिजेंस, आईफोन मिररिंग और शेयरप्ले स्क्रीन शेयरिंग की सुविधा के लिए वहां के यूजर्स को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। शुक्रवार को टेक दिग्गज ने घोषणा की कि वह इस साल EU में तीन बेहतरीन फीचर पेश करने पर रोक लगा रहा है।

जिसके कारण यूरोप में Apple के ग्राहकों को iPhone से जुड़ी कुछ नई और रोमांचक तरकीबों के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। जिन सुविधाओं में देरी हो रही है, उनमें एपल इंटेलिजेंस (सुपर-स्मार्ट सिरी), आईफोन मिररिंग (आपके फोन की स्क्रीन को आपके मैक पर दिखाना) और शेयरप्ले स्क्रीन शेयरिंग में कुछ आकर्षक अपग्रेड फीचर्स शामिल हैं।

क्या है इसकी वजह

यूरोप में इन फीचर्स पर रोक लगाने के पीछ एपल और यूरोपीय संघ की तकरार है। एपल डिजिटल मार्केट एक्ट (डीएमए) का विरोध कर रहा है। यह यूरोप में लागू होने वाला नियमों का एक सेट है, जिसे सभी बड़ी टेक कंपनियों को फॉलो करना होता है। लेकिन, एपल इसे मानने के लिए तैयार नहीं है। डिजिटल मार्केट एक्ट के तहत बड़ी कंपनियों को यूरोप में ज्यादा शक्तियां नहीं होती है। जिसके कारण इन कंपनियां का बुनियादी ढ़ांचा प्रभावित होता है।

एपल क्या चाहता है?

एपल डिजिटल मार्केट एक्ट (डीएमए) के नियमों को फॉलो करने के पक्ष में नहीं है। ऐसा करने से उसे लगता है कि उसकी प्राइवेसी और दूसरी चीजें खतरे में पड़ सकती हैं। ऐसा करने से उसके यूजर्स की सिक्योरिटी भी रिस्क में आ सकती है। इसलिए एपल अपनी तीन नई सर्विस को यूरोपीय यूजर्स को देने में देरी कर रहा है।

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