USB-C चार्जिंग पोर्ट के साथ री-लॉन्च हो सकता है Apple का iPhone 14, क्या है इसके पीछे का कारण
अगले महीने सितंबर में iPhone 15 सीरीज के लॉन्च होने की गुंजाइश है। ऐसे में हो सकत है कि एपल iPhone 14 लाइनअप के लिए कुछ बेहतर ला रहा हो। जैसा कि हम जानते हैं कि USB-C चार्जिंग पोर्ट में बदलाव iPhone 15 की प्रमुख विशेषता हो सकती है। मगर हालिया रिपोर्टों में बताया गया है कि Apple इस अपडेट को पुराने iPhone मॉडलों में भी इसे ला सकता है।
By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Wed, 16 Aug 2023 09:51 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। उम्मीद है कि Apple पहली बार USB C पोर्ट के साथ नई iPhone 15 सीरीज लॉन्च करेगा, लेकिन रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि कंपनी पुराने iPhone मॉडल के लिए भी चार्जिंग तकनीक ला सकती है। नई iPhone 15 सीरीज, विशेष रूप से प्रो मॉडल, अपने मालिकाना लाइटनिंग कनेक्टर से हटकर, USB C पोर्ट रखने वाला Apple का पहला हो सकता है।
Apple को यूरोपीय संघ (EU) द्वारा मजबूर किया गया है। इसने एक नया विधेयक पारित किया है जिसके लिए सभी मोबाइल चार्जरों को मानकीकृत करने की जरूरत है। और ऐसा लगता है कि Apple पुराने iPhone 14 मॉडल को भी USB C पोर्ट के साथ अपग्रेड करना चाहता है, ताकि अगले साल से नया नियम लागू होने पर कंपनी उन्हें बेच सके।
पुराने iPhone मॉडल में होगा USB-C
पुराने मॉडलों को नई चार्जिंग तकनीक के साथ लाना Apple का एक स्मार्ट कदम हो सकता है लेकिन यह निश्चित रूप से इसके प्रोडक्शन के लिए एक अतिरिक्त लागत होगी। कंपनी ने आम तौर पर अपने मॉडल को सरल रखा है, इसलिए iPhone 14 मॉडल को USB C पोर्ट के साथ दोबारा लॉन्च होते देखना आश्चर्यजनक होगा। यूरोपीय संघ के नए कानून के अनुसार कंपनियों को 2024 के अंत तक USB- C के साथ नए प्रोडक्ट लॉन्च करने होंगे।
iPhone 15 और iPhone 16 में होगा USB टाइप C
Apple इस बात का ध्यान रखेगा कि iPhone 15 सीरीज और 16 सीरीज में सबसे पहले चार्जिंग सपोर्ट मिले, लेकिन USB C के साथ iPhone 14 मॉडल को फिर से लॉन्च करने से कंपनी को बाजार में अपनी उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी। नए नियम अभी यूरोपीय संघ तक ही सीमित प्रतीत होते हैं, जिसने यह भी सुझाव दिया है कि Apple इस क्षेत्र में iPhone 15 सीरीज के विशिष्ट मॉडल लॉन्च करेगा, जबकि अन्य देशों में सामान्य लाइटनिंग कनेक्टर के साथ iPhone मिलेंगे।हालांकि, हमने पहले ही देखा है कि अन्य देश भी इसी तरह के कानून की तलाश कर रहे हैं, जहां मोबाइल उपकरणों के लिए चार्जिंग मानक समान होंगे। भारत एक ऐसा देश है, जहां सरकार ने पहले से ही इसी तरह के कानून के लिए आधार तैयार करना शुरू कर दिया है, जिससे एप्पल जैसी कंपनियों को इसका पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।