Apple ने ChatGPT के इस्तेमाल पर लगाई पाबंदी, आखिर क्या है इस फैसले के पीछे का कारण
Apple ने अपने कर्मचारियों को चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने से मना किया है। ये प्रतिबंध केवल ChatGPT पर ही नहीं बल्कि अन्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल पर भी लगा है। इसका कारण ये है कि कंपनी अपनी खुद की तकनीक तैयार कर रही है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते 6 महीने में AI ने दुनिया और देश भर में अपना एक अलग मुकाम बना लिया है। इस लिस्ट में सबसे आगे ChatGPT का नाम आता है, जिसके बाद सभी तकनीकी कंपनी ने एक-एक कर इस ओर कदम बढ़ाना शुरू किया है। इसी सिलसिले में आगे बढ़ते हुए Apple ने भी इसकी शुरुआत की है।
ChatGPT के इस्तेमाल पर Apple ने लगाई रोक
Apple ने अपने कर्मचारियों के लिए ChatGPT और अन्य बाहरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि Apple ने भी इसी तरह की तकनीक विकसित की है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को एक डॉक्यूमेंट और सोर्स के का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल एआई प्रोग्राम का इस्तेमाल करने वाले कर्मचारियों द्वारा गोपनीय डेटा के लीक होने को लेकर चिंतित है और उसने अपने कर्मचारियों को माइक्रोसॉफ्ट के गिटहब के कोपिलॉट का इस्तेमाल नहीं करने की भी सलाह दी है, जिसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर कोड के लेखन को स्वचालित करने के लिए किया जाता है।
चैटजीपीटी में Incognito Mode
रायटर्स ने बताया कि पिछले महीने चैटजीपीटी के निर्माता, ओपनएआई ने कहा कि उसने चैटजीपीटी के लिए एक ‘incognito mode’ पेश किया था, जो यूजर्स के बातचीत के इतिहास को सहेजता नहीं है और न तो अपने AI को बेहतर बनाने के लिए इसका उपयोग करता है।
चल रही है छानबीन
इस बात पर छानबीन बढ़ रही है कि कैसे ChatGPT और अन्य चैटबॉट्स ने करोड़ों यूजर्स के डेटा को प्रबंधित करने के लिए प्रेरित किया, जिसका उपयोग आमतौर पर AI को सुधारने या ‘प्रशिक्षित’ करने के लिए किया जाता है।
Apple iOS के लिए ChatGPT ऐप
इससे पहले गुरुवार को, OpenAI ने संयुक्त राज्य अमेरिका में Apple के iOS के लिए ChatGPT ऐप पेश किया। Apple, OpenAI और Microsoft ने टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।