आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड यह वायरस, आपके स्मार्टफोन को कर सकता है तबाह
AI बेस्ड मैलवेयर इन दिनों साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट के लिए परेशानी का सबब बन गया है
By Harshit HarshEdited By: Updated: Sat, 11 Aug 2018 12:29 PM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने की वजह से हमारी जिंदगी जितनी आसान हो गई है। लेकिन, जितना ही फायदेमंद यह फीचर हमें दिखाई दे रहा है, इसके अब नुकसान भी सामने आ रहे हैं। आजकल लॉन्च होने वाले स्मार्टफोन से लेकर स्मार्ट गैजेट्स और डिवाइस तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होते हैं। आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड डिवाइस आपके पर्सनल असिस्टेंट की तरह काम कर सकता है।
इन दिनों हैकर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल मैलवेयर यानी की वायरस बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बनाए गए मैलवेयर इतने खतरनाक हो सकते हैं जो जटिल से जटिल साइबर सिक्युरिटी को बर्बाद कर सकते हैं। हैकर्स इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड मैलवेयर का इस्तेमाल कम्प्युटर नेटवर्क या साइबर अटैक करने में कर सकते हैं। आईबीएम के रिसर्चर्स ने ऐसे ही खतरे के बारे में आगाह किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड इस मैलवेयर का नाम डीप लॉकर दिया गया है जो एक अटैक टूल है।
यह डीप लॉकर टूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर जैसे कि फेशियल रिकॉग्निसन और वॉयस रिकॉग्निशन का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से इसे पकड़ पाना सिक्युरिटी एक्सपर्ट के लिए मुश्किल हो जाता है। इसका फायदा उठाकर हैकर्स सीधे टार्गेट को अटैक करता है। आपको बता दें कि वीडियो कांफ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर की मदद से इस टूल को एंटी वायरस डिटेक्ट नहीं कर पाता है।
गूगल प्ले स्टोर और iOS के एप्पल स्टोर पर ऐसे लाखों वीडियो कांफ्रेंसिंग ऐप है, जिसे लॉन्च करते ही इसमें छिपा हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेस बेस्ड मैलवेयर यूजर्स के तस्वीर को कैद करके सिस्टम पर अटैक करता है। इस आर्टिफिशियल बेस्ड मैलवेयर ने आजकल सिक्युरिटी एक्सपर्ट की नींद हराम कर दी है।
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