अकेलापन नहीं महसूस होने देगा AI, उदास व्यक्ति का बनेगा सहारा
एआई टेक्नोलॉजी इंसानों के लिए बेहद काम की साबित हो रही है। यह एडवांस टेक्नोलॉजी हर तरह के काम में इंसानों की मदद कर रही है। टेक्नोलॉजी अब अकेलेपन से जूझने वालों के लिए एक सच्ची साथी भी साबित होगी।यूके के शेफील्ड विश्वविद्यालय के टोनी प्रेस्कॉट ने अपनी नई किताब द साइकोलॉजी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कहा है कि एआई के साथ संबंध लोगों को सोशल होने में मदद करेगा।
आईएएनएस, नई दिल्ली। एआई टेक्नोलॉजी को लेकर जानकारों का मानना है कि यह इंसानों के लिए खतरा बन सकती है। समाज में इस टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल होने को लेकर डर बना हुआ है।
वहीं, यह टेक्नोलॉजी कई स्थितियों में इंसानों के लिए बेहद काम की साबित हो रही है। यह एडवांस टेक्नोलॉजी हर तरह के काम में इंसानों की मदद कर रही है।यह टेक्नोलॉजी अब अकेलेपन से जूझने वालों के लिए एक सच्ची साथी भी साबित होगी। ऐसा हम नहीं बल्कि रोबोटिक्स विशेषज्ञों का कहना है।
एआई के साथ खत्म हो जाएगा अकेलापन
आईएएनएस की एक लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें तो एक रोबोटिक्स विशेषज्ञ के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी मनुष्यों में अकेलेपन से लड़ने में महत्वपूर्ण होगी।
यूके के शेफील्ड विश्वविद्यालय के टोनी प्रेस्कॉट ने अपनी नई किताब "द साइकोलॉजी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" में कहा है कि एआई के साथ संबंध लोगों को सोशल होने में मदद करेगा।जब लोग अकेलापन महसूस करेंगे और दुनिया से खुद को अलग-थलग महसूस करेंगे एआई मददगार साबित होगा। एआई ऐसे लोगों के विश्वास को वापस लाते हुए उनकी सोशल स्किल को बेहतर करेगा।ये भी पढ़ेंः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से साइबर ठगी पर लगाम लगाने की तैयारी, डिजिटल फ्रॉड्स में आएगी कमी