Move to Jagran APP

2022 में 50 सरकारी वेबसाइटों पर हुए साइबर अटैक, डाटा ब्रीच के 8 मामले: अश्विनी वैष्णव

सदन में सवालों का जबाव देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2022 में सरकारी मंत्रालयों की कुल 50 साइट ने हैकिंग का सामना किया। वहीं सरकारी संगठनों 2022 में 8 डाटा ब्रीच का सामना किया। (जागरण फाइल फोटो)

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Sat, 04 Feb 2023 11:31 AM (IST)
Hero Image
India government faces 50 websites hacking and 8 data breaches in 2022
नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते शुक्रवार को एक लिखित डॉक्युमेंट में राज्यसभा को बताया कि वर्ष 2022-23 में 50 सरकारी वेबसाइटों को हैक किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य जानकारियां दी। आइये इसके बारे में जानते हैं।

भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा उठाए गए एक संसदीय प्रश्न के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने उच्च सदन को 2020 के बाद से केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकार की वेबसाइटों की हैकिंग की घटनाओं के विवरण की सालों जानकारी दी।

इतनी सरकारी वेबसाइटें हुईं हैक

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (Cert-In) को दी गई और ट्रैक की गई जानकारी के अनुसार केंद्र 2020 में सरकार के मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों की 59 बेवसाइट्स 2021 में 42 और 2022 में 50 वेबसाइटों को हैक किया गया था।

यह भी पढ़ें - Elon Musk के लिए बड़ी राहत, अमेरिकी जूरी ने टेस्ला ट्वीट मामले में नहीं माना उत्तरदायी

अटैक्स का लगाया गया पता

बता दें कि (Cert-In) की रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि संस्थान ने 2020, 2021 और 2022 के दौरान क्रमशः 2,83,581, 4,32,057, 3,24,620 दुर्भावनापूर्ण घोटालों का पता लगाया और रोका है। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने आगे कहा कि सीईआरटी-इन द्वारा रिपोर्ट की गई और ट्रैक की गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020, 2021 और 2022 के दौरान क्रमशः सरकारी संगठनों से संबंधित कुल 6, 7 और 8 डेटा उल्लंघन की घटनाएं देखी गईं।

भारत पर हुए हैं कई साइबर हमले

केंद्रीय मंत्री ने कहां कि समय-समय पर भारतीय साइबर स्पेस पर देश के बाहर और भीतर साइबर हमले शुरू करने के प्रयास किए गए हैं। यह देखा गया है कि इस तरह के हमलों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्थित कंप्यूटर सिस्टम से शुरू किया है और नकली तकनीकों और छिपे हुए सर्वरों का उपयोग किया है।

केंद्रीय आईटी मंत्री ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को आगे बताया कि सीईआरटी-इन प्रभावित संगठनों, सेवा प्रदाताओं, संबंधित क्षेत्र के नियामकों के साथ-साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घटना प्रतिक्रिया उपायों का समन्वय करता है। सीईआरटी-इन प्रभावित संगठनों को की जाने वाली उपचारात्मक कार्रवाइयों के साथ-साथ साइबर घटनाओं के बारे में सूचित करता है।

यह भी पढ़ें - दिल खुश कर देगा Airtel का ये प्लान, पुरानी कीमत में ही मिलेंगे कई नए बेनिफिट्स