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Chronos app: भविष्य की तकनीक का अनदेखा नजारा, ऐप की मदद से सदियों पुराने दौर में होती वर्तमान की एंट्री

Chronos app खडंहर बन चुके भवन और इमारतें कभी अपने दौर की सुंदर ईमारत हुआ करती होंगी। कैसा हो अगर पुराने खडंहर बन चुके ये भवन अपने अनोखे सदियों पुराने सौंदर्य के साथ हमारी आंखों के आगे हो। ऐसी कल्पना करना भविष्य की एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ गलत नहीं हो सकता है। एक स्मार्टफोन ऐप की मदद से हजारों साल पुराने दृश्यों को देख सकते हैं।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Sun, 08 Oct 2023 09:00 PM (IST)
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Chronos app की मदद से सालों पुराने दौर में हो सकती है एंट्री
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। सदियों पुरानी इमारतों को आज भी वर्तमान में देखा जा सकता है। हालांकि, खडंहर बन चुके भवन और इमारतें कभी अपने दौर की सुंदर ईमारत हुआ करती होंगी। कैसा हो अगर पुराने खडंहर बन चुके ये भवन अपने अनोखे सदियों पुराने सौंदर्य के साथ हमारी आंखों के आगे हो।

ऐसी कल्पना करना भविष्य की एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ गलत नहीं हो सकता है। जी हां, एक स्मार्टफोन ऐप की मदद से हजारों साल पुराने प्राचीन यूनानी स्थलों की एक अनोखी झलक देखी जा सकती है।

ऐप की मदद पुराने समय में होगी एंट्री

न्यूज एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक Acropolis में विजिटर सांस्कृतिक विरासत की एक अनोखी झलक देख सकते हैं। ऐसा करना केवल एक ऐप Chronos की मदद से संभव होगा।

इमेज क्रेडिट- AP

इतना ही नहीं, Chronos ऐप की मदद से विजिटर डिजिटल ओवरले के साथ प्राचीन ग्रीक साइट के चारों ओर रास्तों को स्मार्टफोन की स्क्रीन पर पिंच और जूम कर देख सकता है।

दरअसल ग्रीस का संस्कृति मंत्रालय इस स्मार्टफोन ऐप को सपोर्ट करता है। पार्थेनन मंदिर (Parthenon temple) में विजिटर फोन का इस्तेमाल कर 2,500 साल पुराने नजारों को अपनी आंखों से देख सकते हैं।

लंदन में रखी मूर्तियां स्मारक ठीक वैसी ही नजर आती हैं, जैसे वे अपने पुराने समय में रही होंगी। ऐप की मदद से एक्रोपोलिस की कई मूर्तियां आकर्षक रंगों में चित्रित की गई देखी गईं। पार्थेनन के मुख्य कक्ष में देवी एथेना की एक मूर्ति पानी के तालाब के ऊपर खड़ी थी।

किस टेक्नोलॉजी के साथ काम करता है ऐप

Chronos ऐप एआर टेक्नोलॉजी पर आधारित है। एआर टेक्नोलॉजी के साथ ऐप पुराने समय की एक असली तस्वीर स्मार्टफोन के डिस्प्ले पर लाता है। स्मार्टफोन स्क्रीन पर नजर आने वाली यह तस्वीर ठीक वैसी ही लगती है, जैसे कोई इमारत सालों पहले हकीकत में रही हो।