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BharOS Features: भारत के स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम ​'BharOS' की हुई टेस्टिंग, जानें खास फीचर्स

Bharos Operating System Testing And Features आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (Indian Institute of Technology Madras (IIT)) में भारत के पहले स्वदेशी ओपरेटिंग सिस्टम BharOS की टेस्टिंग हुई है जिसके बाद देश के पहले स्वदेशी ओपरेटिंग सिस्टम की कुछ खास बातें सामने आई हैं। (फोटो- जागरण)

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Tue, 24 Jan 2023 04:12 PM (IST)
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Indian Operating System Bharos, Pic Courtesy- Twitter Handle
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत के पहले स्वदेशी ओपरेटिंग सिस्टम 'BharOS' की टेस्टिंग हो चुकी है। टेस्टिंग के बाद 'BharOS' के कुछ खास फीचर्स भी सामने आए हैं। दरअसल आज यूनियन आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव और यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (Indian Institute of Technology, Madras (IIT)) में 'BharOS' की टेस्टिंग की।

बता दें 'BharOS' प्राइवेसी और सिक्योरिटी के मध्यनजर भारत सरकार द्वारा पेश मोबाइल ओपरेटिंग सिस्टम है। इस सिस्टम को गूगल के एंड्राइड यूजर्स और एप्पल के आईओएस यूजर्स के लिए लाया गया है। आइए इस आर्टिकल में 'BharOS' से जुड़ी खास बातों पर एक नजर डालते हैं।

No Default Apps (NDA) के साथ पेश 'BharOS'

भारत के पहले स्वदेशी ओपरेटिंग सिस्टम को नो डिफॉल्ट ऐप्स के साथ पेश किया गया है। दरअसल नो डिफॉल्ट ऐप्स के जरिए यूजर केवल उन्हीं ऐप्स का इस्तेमाल कर पाएंगे, जिनका इस्तेमाल वे करना चाहते हैं।

इसी के साथ ओपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को ऐसी किसी भी ऐप का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य नहीं करेगा, जिनकी जानकारी यूजर्स को नहीं है। इस ओपरेटिंग सिस्टम के जरिए यूजर्स, ऐप्स को दी जाने वाली परमिशन पर अपना पूरा कंट्रोल रख सकेंगे।

'Native Over The Air' (NOTA) डिवाइस को रखेगा सुरक्षित

स्वदेशी ओपरेटिंग सिस्टम को 'Native Over The Air' (NOTA) फीचर के साथ पेश किया गया है। इस मोबाइल ओपरेटिंग सिस्टम को बनाने वाले स्टार्टअप के डायरेक्टर कार्तिक अय्यर के मुताबिक इस खास अपडेट के जरिए डिवाइस की सुरक्षा और पक्की होती है।

नोटा अपडेट्स को डिवाइस में अलग से डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी, यह अपडेट प्री-इंस्टॉल्ड आएगा।

ट्रस्टेड ऐप्स को ही दी जाएगी एक्सेस

इस ओपरेटिंग सिस्टम के जरिए केवल ट्रस्टेड ऐप्स को ही परमिशन मिलती है। 'BharOS' organisation-specific Private App Store Services (PASS) के जरिए ही ट्रस्टेड ऐप्स को परमिशन देता है।

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