हैकिंग से लेकर न्यूक्लियर कोड चुराने तक, तमाम गलत काम करना चाहता है Bing Chatbot
हाल ही में Microsoft ने ChatGPT आधारित Bing का नया वर्जन पेश किया था। लोकिन अब एक्सपर्ट ने इसको लेकर कुछ खामियों की जानकारी दी है। बताया जा रहा है Bing चैटबॉट ने न्यूक्लियर कोड चुराने या जीवित होने जैसी इच्छाएं जाहिर की हैं। (जागरण फोटो)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। हाल ही में Microsoft ने अपने Bing सर्च का नया वर्जन पेश किया है, जिसे ChatGPT के साथ अपडेट किया है। लेकिन अब खबर आ रही है कि यह यूजर्स के लिए समस्या ला सकता है। जिसके चलते Microsoft ने कहा कि वह अपने नए बिंग सर्च इंजन पर जेनेरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित चैट सेशन में यूजर्स को हर सेशन में केवल 5 प्रश्न और प्रति दिन 50 प्रश्न तक पूछने की अनुमति देगा।
एक्सपर्ट और शिक्षाविदों ने शुक्रवार को कहा कि माइक्रोसॉफ्ट का नया बिंग चैटबॉट धमकी देने वाला भी हो सकता है क्योंकि यह ऑनलाइन बातचीत से सीखी गई चीजों की नकल करता है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
अजीबो-गरीब इच्छाएं जाहिर करता है Bing
बताया जा रहा है कि इस सप्ताह बिंग चैटबॉट के साथ परेशान करने वाले कॉन्वर्सेशन के कई मामले सामने आएं। बताया जा रहा है कि यह चैटबाॉट परमाणु कोड चोरी करने, घातक वायरस बनाने धमकी देने के साथ-साथ जीवित रहने की इच्छा भी जाहिर कर रहा है।
कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के भाषा प्रौद्योगिकी संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर ग्राहम न्यूबिग ने कहा कि मुझे लगता है कि यह मूल रूप से उन कॉन्वर्सेशन की नकल कर रहा है जो इसे ऑनलाइन दिखता है। ऐसी स्थिति में जब आपकी बातचीत एक मोड़ ले लेती है, तो यह शायद गुस्से वाली स्थिति में रह सकता है, या 'आई लव यू' और इस तरह की अन्य चीजें कह सकता हैं, क्योंकि यह सब कुछ है पहले से ऑनलाइन मौजूद है।
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आक्रामक हो सकता है बिंग
प्रोग्रामर साइमन विलिसन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि बड़े लैंग्वेज मॉडल में 'सच्चाई' की कोई अवधारणा नहीं है और वे सिर्फ यह जानते हैं कि एक वाक्य को कैसे पूरा किया जाए। वहीं फ्रांसीसी एआई कंपनी लाइटऑन के सह-संस्थापक लॉरेंट डौडेट ने सिद्धांत दिया कि ऐसा प्रतीत होता है कि चैटबॉट को ऐसे प्रशिक्षित किया गया था, जो स्वयं आक्रामक या असंगत हो जाता है।
क्या है बिंग चैटबॉट?
बिंग चैटबॉट को माइक्रोसॉफ्ट और स्टार्ट-अप ओपनएआई द्वारा डिजाइन किया गया था। यह हेडलाइन-ग्रैबिंग ऐप जो एक साधारण अनुरोध पर सेकंड में सभी प्रकार की लिखित कंटेंट उत्पन्न करने में सक्षम है। बता दें कि इस कंपनी ने चैटजीपीटी को लॉन्च किया था, जो नवंबर लॉन्च के बाद से काफी चर्चा में रहा है। जब से चैटजीपीटी सामने आया है, इसके पीछे की तकनीक, जिसे जनरेटिव एआई के रूप में जाना जाता है, आकर्षण और चिंता को बढ़ावा दे रही है।
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