BIS ने पेश किए USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट के मानक, मोबाइल फोन हो या टैबलेट- सबका चार्जर एक
BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो ने USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट के लिए कुछ नए मानक निर्धारित किए हैं। यह इनकी गुणवत्ता को जांचने के लिए पेश किया गया है। यह जितना कंज्यूमर्स के लिए हितकारी है उतना ही ई-कचरे को कम करेगा।
By Jagran NewsEdited By: Ankita PandeyUpdated: Mon, 26 Dec 2022 09:23 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। सरकार मोबाइल और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए दो सामान्य प्रकार के चार्जिंग पोर्ट पेश करने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानकों के साथ सामने आया है। डिवाइस निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक सामान्य यूएसबी टाइप-सी वायर्ड चार्जिंग मानक का पालन करें।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने पहले ही निर्माताओं के लिए 28 दिसंबर, 2024 की समय सीमा तय की है। भारत में इसके कुछ महीने बाद मार्च 2025 से इसे लागू किया जाएगा। स्मार्टफोन के लिए भी मार्च 2025 की समय सीमा निर्धारित की गई है। लैपटॉप निर्माताओं के पास बदलाव करने के लिए 2026 तक का समय है।
क्या हैं नए मानक?
कंज्यूमर्स के हित में और ई-कचरे को कम करने के लिए, उद्योग हितधारकों के परामर्श से BIS दो प्रकार के सामान्य चार्जिंग पोर्ट को अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है। मोबाइल, स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए एक यूएसबी टाइप-C चार्जर का नियम बना है। वहीं दूसरी तरफ वियरेबल्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अन्य सामान्य चार्जर होगा।यह भी पढ़ें - Twitter Data Breach: ट्विटर के 40 करोड़ यूजर्स का डाटा हुआ चोरी, हैकर ने Elon Musk को दी ये सलाह