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यादों में अब भी शामिल है चौड़ी स्क्रीन वाला BlackBerry का फोन, कभी करता था दुनिया पर राज

BlackBerry Phone एक समय में ब्लैकबेरी के नाम से ही प्रीमियम फोन की पहचान होती है। कंपनी अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए कई बेहतरीन सुविधाएं और सिक्योरिटी फीचर्स पेश करती है। हालांकि अचानक से यह फोन दुनिया से ही गायब हो गया। (फोटो- पेक्सल)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 03 Apr 2023 01:23 PM (IST)
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BlackBerry Phone Features Looks Keypad Premium Price Security Software, Pic Courtesy- Pexel
 नई दिल्ली, टेक डेस्क। यह एडवांस टेक्नोलॉजी का ही दौर था, जब बाजार में कनाडा की कंपनी ब्लैकबरी की चर्चा होती है। शानदार फीचर्स के नाम पर पहला नाम ब्लैकबेरी ही लोगों के जेहन में आता था। हालांकि, यह एक प्रीमियम फोन था।

समय का सबसे बेहतरीन फोन

फोन में मौजूदा समय के दूसरे फोन से कई बेहतर फीचर्स मिलते थे। बिजनेस पर्सन और टॉप लेवल ऑफिशियल के लिए यह फोन उनकी पहली पसंद में शुमार होता था। चौड़ी स्क्रीन और हाथों को आराम देने के लिए स्मूद कीबोर्ड ही फोन की पहचान नहीं थी।

फोन को टॉप लेवल की सिक्योरिटी के लिए एक बेस्ट डिवाइस माना जाता था। हालांकि, बदलते दौर में ब्लैकबेरी का वह फोन जो कभी दुनिया पर राज करता था, अचानक गायब हो गया। मार्केट में इस फोन अस्तित्व ही खत्म हो गया। प्रीमियम फोन के नाम पर आज एपल का ही नाम जुबां पर आता है। आखिर वह कौन सी गलती थी, जो ब्लैकबेरी को दुनिया से गायब करने के लिए जिम्मेदार रही?

कीपैड वाला फोन ब्लैकबेरी देता था उंगलियों को आराम

यह साल 2000 से 2010 का दौर कहा जा सकता है। जब ब्लैकबेरी ने दुनिया पर राज किया। इस दौरान टच स्क्रीन फोन से अलग कीपैड वाले फोन का ही जमाना हुआ करता था। कंपनी ने ग्राहकों को लुभाने के लिए मौजूदा दौर में सभी तरह की सुविधाएं दीं। यह फोन के स्मार्ट लुक से लेकर, फ्री मैसेजिंग, स्मूद कीबोर्ड से बढ़कर सिक्योरिटी तक रहा।

कंपनी की बादशाहत का खत्म होने लगा दौर

साल 2010 के बाद वह दौर भी आ गया जब कंपनी के शेयर गिरने लगे। हालांकि, बहुत सी कोशिशें कंपनी द्वारा की गई, लेकिन कोई बड़ा सुधार बात न बना सका। ग्राहकों की बदलती पसंद रही या समय की जरूरत ब्लैकबेरी के मॉडल मार्केट से आउट होने लगे। ग्राहकों के पास ब्लैकबेरी के अलावा, एपल और एंड्रॉइड जैसे विकल्प उपलब्ध होने लगे। कंपनी ने टच स्क्रीन डिवाइस की भी पेशकश रखी, लेकिन ग्राहकों को न लुभा सकी।

ऊंचा दाम और पुराना ओपरेटिंग सिस्टम, बिगाड़ बैठा काम

कंपनी के लिए फोन की महंगी कीमत भी एक बड़े ग्राहक वर्ग से दूरी की वजह रही। महंगे फोन की जरूरत केवल फैशन और क्लास तक रही। आम यूजर को फोन की जरूरत तो थी, लेकिन ब्लैकबेरी का खर्चा उठाना मतलब आधी से ज्यादा सैलरी डिवाइस पर लगा देना। इसके अलावा, कंपनी ने अपने ओपरेटिंग सिस्टम में भी बदलाव को नजरअंदाज किया।

ब्लैकबेरी ने माइक्रोसॉफ्ट के बिंग को भी डिफॉल्ट सर्च इंजन की तरह देना शुरू किया, लेकिन यह कोशिश भी ग्राहकों को लुभाने में नाकामियाब रही।

सिमट गया कारोबार, गायब हो गया ब्लैकबरी का फोन

साल 2013 में कंपनी ने फोन से सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर की तरफ अपने कदम बढ़ाए, क्योंकि बाजार में ब्लैकबेरी के फोन की जरूरत पूरी तरह से खत्म ही हो चुकी थी। अपना अस्तित्व बचाने के लिए कंपनी ने इसी कदम को उठाने में समझदारी समझी।

सिक्योरिटी कंपनी का की फैक्टर था, कंपनी ने इस बदलाव का एलान साल 2016 में कर दिया। आज कंपनी फोन नहीं, बल्कि सरकार को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर बेचने के काम तक सीमित रह गई है।