दुनिया में जमेगी "मेड इन इंडिया" लैपटॉप, टैब और कंप्यूटर की धाक, सरकार ने 7,350 करोड़ रुपये की स्कीम को दी मंजूरी
सरकार की मानें तो पीएलआई स्कीम से अगले 5 सालों में करीब 10 लाख करोड़ का प्रोडक्शन होगा। साथ ही इससे करीब 8 से 9 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। मंत्री के मुताबिक इस स्कीम की मदद से मल्टी नेशनल कंपनियां भारत में आएंगी।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। पीएम मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार की तरफ से आईटी हार्डवेयर सेक्टर के लिए 7,350 करोड़ रुपये प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इसका ऐलान किया है। सरकारी स्कीम से भारत में घरेलू स्तर पर आईटी हार्डवेयर की मैन्युफैक्चिरिंग के लिए इन्वेस्टमेंट आएगा। जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा। सरकार की स्कीम से भारत में लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के घरेलू उत्पादन में तेजी आएगी, जिनका बड़े पैमाने पर भारत से निर्यात किया जाएगा। इससे दुनियाभर में मेड इन इंडिया लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर और टैबलेट की धाक जमेगी।
मोबाइल के लिए स्कीम का हुआ था ऐलान
Cabinet approves Production Linked Incentive Scheme for IT Hardware; scheme proposes incentive to boost domestic manufacturing & attract large investments in value chain of IT Hardware. Target segments include laptops, tablets, all-in-one PCs & servers: Union Minister RS Prasad pic.twitter.com/P1IoGlS4j2— ANI (@ANI) February 24, 2021
रवि शंकर प्रसाद की मानें, तो पीएलआई स्कीम से अगले 5 सालों में करीब 10 लाख करोड़ का प्रोडक्शन होगा। साथ ही इससे करीब 8 से 9 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। मंत्री के मुताबिक इस स्कीम की मदद से मल्टी नेशनल कंपनियां भारत में आएंगी। इससे पहले पिछले साल अप्रैल में मोबाइल फोन और उसके कंपोनेंट के लिए 35,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम का ऐलान किया था। इससे अब तक करीब 22,500 जॉब पैदा हुई है और करीब 1,300 निवेश आये हैं।
टेलिकॉम सेक्टर के लिए PLI को मिली मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने इससे पहले 12,195 करोड़ रुपये के दूरसंचार उपकरणों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इक्विपमेंट (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से अगले पांच वर्षों में देश में दूरसंचार उपकरणों के 2,44,200 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा।