AI Hacking: अगर सच में AI को हैक करना हुआ संभव, तो... OpenAI के आरोपों ने बढ़ाई चिंता
सबसे एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी OpenAI ने New York Times पर हैकिंग के आरोप लगाए हैं। ओपनएआई के आरोपों के बाद इस तरह की चर्चा चलने लगी है कि क्या AI सिस्टम हैक किए जा सकते हैं। यहां हम आपके साथ AI सिस्टम की कुछ ऐसी संभावित खामियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिनके चलते इन्हें हैक किया जा सकता है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हम सभी की लाइफ का अहम हिस्सा होता जा रहा है। आज घर, दफ्तर, स्कूल, अस्पताल और यहां तक मनोरंजन के क्षेत्र में AI सिस्टम का इस्तेमाल प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया जाने लगा है।
AI टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल ने इसकी कमजोरियों और जोखिमों ने इसे लेकर चिंता भी बढ़ा दी हैं। दुनिया की सबसे एडवांस AI कंपनी OpenAI ने New York Times पर उसके AI चैटबॉट को हैक करने के आरोप लगाए हैं। ऐसे में यह सवाल आता है कि क्या AI सिस्टम को हैक किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: OpenAI ने The New York Times पर लगाया आरोप, कहा- मुकदमा चलाने के लिए हैक किया ChatGPT
क्या AI सिस्टम हैक किया जा सकता है?
हां, AI सिस्टम को हैक किया जा सकता है। AI टेक्नोलॉजी कितनी भी एडवांस हो वह कम्प्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और डेटा पर निर्भर रहेगा। यानी इन्हें हैक किया जा सकता है। यहां हम आपके साथ कुछ खामियां शेयर कर रहे हैं, जिसके चलते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हैक हो सकते हैं।
कमजोर पासवर्ड: अधिकतर AI सिस्टम को डिफॉल्ट पासवर्ड के साथ डिजाइन किया जाता है। ऐसे पासवर्ड आमतौर पर कमजोर होते हैं, जिन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है।अगर हैकर्स एआई सिस्टम के एडमिन पेज का एक्सेस हासिल कर लें तो वे उस सिस्टम को आसानी से हैक कर सकते हैं।
इनसिक्योर स्टोरेज: AI सिस्टम कई संवेदनशील डेटा को स्टोर और प्रोसेस करता है। इसमें यूजर्स की जानकारी भी होती हैं। अगर यह डेटा सरक्षित जगह पर स्टोर नहीं किया जाए तो आसानी से इसे और सिस्टम को हैक किया जा सकता है।हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में कमी: AI सिस्टम को हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर कॉम्पोनेन्ट को कॉम्प्रोमाइज कर डेटा एक्सेस कर सकते हैं। ऐसे में हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर में किसी तरह की कमी हो तो AI सिस्टम को आसानी से हैक किया जा सकता है।
जीरो-डे अटैक: Zero-Day अटैक सिस्टम की उन खामियों को कहा जाता है, जिसके बारे में डेवलपर्स को पता रहता है यानी उसे ठीक करने के लिए लिए उनके पास 0 दिन होते हैं।इन खामियों का फायदा उठाकर जब हैकर्स सिस्टम को हैक करते हैं तो इसे जीरो-डे अटैक कहा जाता है। अक्सर AI सिस्टम जीरो डे अटैक के जरिए हैक कर लिए जाते हैं।
यह भी पढ़ें: वॉट्सऐप यूजर्स रहें सावधान, भूल कर भी ना करें ये गलती वरना हैक हो जाएगा अकाउंटAI सिस्टम हमारी लाइफ स्टायल का अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। जैसे-जैसे AI टेक्नोलॉजी क्षमता बढ़ रही है, वैसे-वैसे संभावित जोखिम भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में डेवलपर्स और यूजर्स को इन जोखिमों के बारे में जागरूक होने के साथ-साथ AI सिस्टम को साइबर हमलों से सुरक्षित रखने के लिए जरूरी उपाय करने महत्वपूर्ण है।