Chandrayaan 2: विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के पहले, इन पड़ावों से गुजरा 'चंद्रयान'
Chandrayaan 2 के लैंडर का ISRO के मुख्यालय से संपर्क टूटने से पहले इस स्पेस शटल की यात्रा काफी रोमांचक रही है। इन 47 दिनों में चंद्रयान 2 ने तीन पड़ाव पार किए हैं..
By Harshit HarshEdited By: Updated: Sat, 07 Sep 2019 03:16 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Chandrayaan 2 का लैंडर रात करीब 1 बजकर 52 मिनट पर चांद की सतह से करीब 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लापता हो गया। ISRO का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से कनेक्शन टूट गया। इससे पहले चंद्रयान चांद की सतह पर उतरने वाला था। करीब 47 दिनों के लंबे सफर के अंत में चांद की सतह पर पर पहुंचने के चंद मिनट पहले ही लैंडर का संपर्क टूटा। जिसके बाद ISRO के वैज्ञानिकों के चेहरे पर मायूसी देखी जा सकती थी। हालांकि, अब तक Chandrayaan 2 का सफर काफी रोमांच से भरा रहा है।
Chandrayaan 2 को 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस रिसर्च सेंटर से लॉन्च किया गया था। अब तक के इन 47 दिनों में स्पेस शटल ने धरती की कक्षा से लेकर चांद की आखिरी कक्षा तक का सफर तय किया है। Chandrayaan 2 ने सबसे पहले धरती के पार्किंग ऑर्बिट (ये कम समय के लिए बनाई गई कक्षा है जिसे स्पेस शटल को लॉन्च करने के लिए बनाया जाता है) के धरती के बाहरी कक्षा में प्रवेश किया है। Chandrayaan 2 ने 14 अगस्त को धरती के आखिरी कक्षा को छोड़ा था और चांद की कक्षा की तरफ कदम बढ़ाया था। आइए, जानते हैं Chandrayaan 2 के इस रोमांचक सफर के बारे में..
पहला पड़ाव
Chandrayaan 2 के पहले पड़ाव की बात करें तो इस स्पेस शटल के धरती की कक्षा में बिताए गए समय को भारत के इस महत्वाकांक्षी मून मिशन का पहला पड़ाव कह सकते हैं। 22 जुलाई से लेकर 13 अगस्त के बीच Chandrayaan 2 धरती की कक्षा में रहा। Chandrayaan 2 ने धरती की पांचों कक्षा को पार करने में करीब 25 दिन का समय लगाया। 24 जुलाई को Chandrayaan 2 ने धरती की पहले ऑर्बिट में प्रवेश किया, जबकि 6 अगस्त को Chandrayaan2 ने पृथ्वी की आखिरी कक्षा में प्रवेश किया। चंद्रयान 2 का ये सफर 1,43,585 किलोमीटर का रहा है।
Chandrayaan 2 के पहले पड़ाव की बात करें तो इस स्पेस शटल के धरती की कक्षा में बिताए गए समय को भारत के इस महत्वाकांक्षी मून मिशन का पहला पड़ाव कह सकते हैं। 22 जुलाई से लेकर 13 अगस्त के बीच Chandrayaan 2 धरती की कक्षा में रहा। Chandrayaan 2 ने धरती की पांचों कक्षा को पार करने में करीब 25 दिन का समय लगाया। 24 जुलाई को Chandrayaan 2 ने धरती की पहले ऑर्बिट में प्रवेश किया, जबकि 6 अगस्त को Chandrayaan2 ने पृथ्वी की आखिरी कक्षा में प्रवेश किया। चंद्रयान 2 का ये सफर 1,43,585 किलोमीटर का रहा है।
- 24 जुलाई को शाम के 3 बजकर 30 मिनट पर स्पेस शटल ने धरती की पहली कक्षा में प्रवेश किया था। इस पहले ऑर्बिट में Chandrayaan 2 ने 230 x 45,162 किलोमीटर का सफर तय किया।
- दो दिनों तक धरती की पहली कक्षा में रहने के बाद Chandrayaan 2 ने 26 जुलाई को तड़के 1 से 2 बजे के बीच में पृथ्वी की दूसरी कक्षा में प्रवेश किया था। इस दौरान Chandrayaan 2 ने 250 x 54,689 किलोमीटर की दूरी तय की। धरती की दूसरी कक्षा में Chandrayaan 2 करीब 3 दिनों तक रहा।
- 29 जुलाई को शाम के करीब 2 बजकर 30 मिनट पर इस स्पेस शटल ने धरती की तीसरी कक्षा में प्रवेश किया। इस ऑर्बिट में Chandrayaan 2 ने 268 x 71,558 किलोमीटर की दूरी तय की।
- तीसरी कक्षा में करीब 3 दिनों तक रहने के बाद Chandrayaan 2 ने 2 अगस्त की शम 2 से 3 बजे के बीच धरती की चौथी कक्षा में प्रवेश किया। इस कक्षा में Chandrayaan 2 ने करीब 248 x 90,229 किलोमीटर का सफर तय किया।
- चौथी कक्षा में Chandrayaan 2 ने करीब 4 दिनों का समय बिताया, जिसके बाद 6 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर Chandrayaan 2 ने धरती की पांचवीं और आखिरी कक्षा में प्रवेश किया। इस कक्षा में Chandrayaan 2 ने करीब 221 x 1,43,585 किलोमीटर की दूरी तय की। 14 अगस्त को दिन के करीब 3 से 4 बजे के बीच Chandrayaan 2 ने धरती की कक्षा को छोड़ दिया।
दूसरा पड़ाव
पिछले महीने 14 अगस्त को Chandrayaan 2 ने धरती की कक्षा को छोड़ दिया। चंद्रयान 2 के पहले से ही शेड्यूल लॉन्च में एक सप्ताह की देरी के बाद भी Chandrayaan 2 ने तय समय सीम के अंदर ही चांद की कक्षा में प्रवेश किया। चांद की कक्षा से पहले Chandrayaan 2 ने धरती की कक्षा में करीब 266 x 4,13,623 किलोमीटर की दूरी तय की।
पिछले महीने 14 अगस्त को Chandrayaan 2 ने धरती की कक्षा को छोड़ दिया। चंद्रयान 2 के पहले से ही शेड्यूल लॉन्च में एक सप्ताह की देरी के बाद भी Chandrayaan 2 ने तय समय सीम के अंदर ही चांद की कक्षा में प्रवेश किया। चांद की कक्षा से पहले Chandrayaan 2 ने धरती की कक्षा में करीब 266 x 4,13,623 किलोमीटर की दूरी तय की।
- 14 अगस्त से लेकर 20 अगस्त के बीच में Chandrayaan 2 धरती और चांद की कक्षा के मध्य में रही। 20 अगस्त को Chandrayaan 2 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया।
- 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने से पहले इस स्पेस शटल ने 28 दिनों का सफर तय किया। लॉन्च के ठीक 28 दिनों के बाद Chandrayaan 2 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया।
- 21 अगस्त को दिन के 12 बजकर 30 मिनट पर Chandrayaan 2 ने चंद्रमा की पहली कक्षा में प्रवेश किया। चांद की इस पहली कक्षा में Chandrayaan 2 ने करीब 118 x 4,412 किलोमीटर का सफर तय किया।
- 7 दिनों तक चांद की पहली कक्षा में प्रवेश करने के बाद Chandrayaan 2 ने चांद की दूसरी कक्षा में 28 अगस्त को तड़के 5 बजकर 30 मिनट पर प्रवेश किया। इस दौरान Chandrayaan 2 ने करीब 179 x 1,412 किलोमीटर का सफर तय किया।
- 2 दिनों तक इस कक्षा में रहने के बाद Chandrayaan 2 ने 30 अगस्त की शाम 6 बजे के करीब चांद की तीसरी कक्षा में प्रवेश किया। इस दौरान Chandrayaan 2 ने करीब 124 x 164 किलोमीटर की दूरी तय की।
- 1 सितंबर के दिन के 12 बजकर 30 मिनट और 1 बजकर 30 मिनट के बीच Chandrayaan 2 ने चांद की आखिरी कक्षा में प्रवेश किया। इस दौरान Chandrayaan 2 ने करीब 119 x 127 किलोमीटर की दूरी तय की।
तीसरा पड़ाव
Chandrayaan 2 का 2 सितंबर से लेकर 6 सितंबर का तीसरा पड़ाव काफी रोमांचक रहा है। चंद्रमा की आखिरी कक्षा में Chandrayaan 2 ने करीब 1 दिन का समय बिताया, इसके बाद Chandrayaan 2 ने 2 सितंबर के दिन के 1 बजकर 15 मिनट पर विक्रम लैंडर को अपने से अलग किया। विक्रम लैंडर का रात करीब 1 बजकर 52 मिनट पर ISRO के मुख्यालय से संपर्क टूट गया। वैज्ञानिक अब ऑर्बिटर से मिलने वाली सूचना के आधार पर विक्रम लैंडर और रोवर की स्तिथि का पता लगाने की कोशिश में लगे हैं।
Chandrayaan 2 का 2 सितंबर से लेकर 6 सितंबर का तीसरा पड़ाव काफी रोमांचक रहा है। चंद्रमा की आखिरी कक्षा में Chandrayaan 2 ने करीब 1 दिन का समय बिताया, इसके बाद Chandrayaan 2 ने 2 सितंबर के दिन के 1 बजकर 15 मिनट पर विक्रम लैंडर को अपने से अलग किया। विक्रम लैंडर का रात करीब 1 बजकर 52 मिनट पर ISRO के मुख्यालय से संपर्क टूट गया। वैज्ञानिक अब ऑर्बिटर से मिलने वाली सूचना के आधार पर विक्रम लैंडर और रोवर की स्तिथि का पता लगाने की कोशिश में लगे हैं।