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ChatGPT vs Google Bard: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले ये चैटबॉट एक-दूसरे से कितने अलग? कौन किस पर भारी

ChatGPT vs Google Bard हाल ही में गूगल ने अपने एआई आधारित चैटबॉट मॉडल बार्ड को नई खूबियों और सुधारों के साथ भारत में भी उपलब्ध करवा दिया है। यहां हम चैटजीपीटी और बार्ड की खूबियों को जानने की कोशिश करेंगे। (फोटो- जागरण)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 15 May 2023 04:41 PM (IST)
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ChatGPT vs Google Bard What Are The Key Difference, Pic Courtesy- Jagran Graphics
नई दिल्ली, टेक डेस्क। बीते साल ही अमेरिका की एआई स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई ने इंसानों जैसे बात करने वाले चैटबॉट मॉडल चैटजीपीटी को पेश किया। यह अपनी तरह का पहला मॉडल था, जो ह्यूमन-लाइक टेक्स्ट जनरेट करने की खूबी से यूजर्स को लुभा रहा था।

हालांकि, समय के साथ जहां एक ओर चैटजीपीटी की लोकप्रियता बढ़ने लगी, वहीं बड़ी टेक कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और गूगल का ध्यान भी इस टेक्नोलॉजी की ओर आया। वर्तमान में चैटजीपीटी एक अकेला ऐसा एआई मॉडल नहीं है, जो इंसानों का काम आसान बना रहा है।

इस कड़ी में गूगल के बार्ड की भी एंट्री हो चुकी है। बार्ड को इस बार कई बड़े सुधार और खूबियों के साथ लाया गया है।

इस आर्टिकल में आपको बार्ड की उन खूबियों को बता रहे हैं जो ओपनएआई के चैटजीपीटी से इसे अलग बनाती हैं-

फोन पर चैटजीपीटी तो नहीं, लेकिन मिलेगा बार्ड

चैटजीपीटी की बढ़ती लोकप्रियता के बाद भी इस मॉडल का अभी तक वेब वर्जन ही मिलता है। चैटजीपीटी को स्मार्टफोन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जबकि यूजर्स की सुविधा के लिए बार्ड मोबाइल वर्जन के साथ भी आता है।

टेक्स्ट के साथ इमेज का भी जवाब देगा बार्ड

चैटजीपीटी की बात करें तो यह एआई मॉडल टेक्स्ट के रूप में ही सवालों के जवाब देता है। दूसरी ओर बेहतर जवाबों के लिए बार्ड में यूजर को टेक्स्ट के साथ इमेज की सुविधा भी मिलने की उम्मीद है।

इमेज-वॉइस के जरिए भी पूछिए सवाल

गूगल बार्ड के एडवांस फीचर की मदद से यूजर इमेज और वॉइस के जरिए भी सवाल पूछ सकेगा। हालांकि, यह फीचर भविष्य में लाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर चैटजीपीटी इमेज और वॉइस जनरेट करने की खूबी के साथ नहीं आता है।

जवाबों को सहेज कर रखने की मिल रही सुविधा

गूगल बार्ड का इस्तेमाल भारत में भी किया जा रहा है। बार्ड को इस्तेमाल करने के साथ ही बार्ड में जवाबों को कॉपी कर सेव करने की सुविधा मिलती है।

इन जवाबों को जीमेल या डॉक्स में रखा जा सकता है। वहीं चैटजीपीटी में बाय-डिफॉल्ट ऐसी सुविधा नहीं मिलती।

यूजर की प्रोफेशनल लाइफ होगी आसान

भविष्य में बार्ड को जीमेल में इंटीग्रेट किया जा सकता है। ऐसे में स्पैम, मेल सेंड और रिसीव करने में एआई यूजर की मदद प्रोफेशनल कामों में भी कर सकेगा। वहीं दूसरी ओर चैटजीपीटी का इस्तेमाल केवल वेबसाइट तक ही सीमित है।

कोडिंग में भी मददगार

बार्ड को 20 से ज्यादा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सपोर्ट के साथ लाया गया है। ऐसे में यूजर को C++, Python, Java, TypeScript, JavaScript जैसी लैंग्वेज के साथ काम करने में भी सहूलियत मिलेगी। हालांकि, चैटजीपीटी इतनी लैंग्वेज सपोर्ट के साथ नहीं आता। 

इंटरनेट का इस्तेमाल

गूगल बार्ड में इंटरनेट एक्सेस करने की सुविधा मिलती है। इस मॉडल में जवाबों को ज्यादा इन्फोर्मेटिव बनाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल होता है। वहीं दूसरी ओर ओपनएआई में इंटरनेट एक्सेस की सुविधा नहीं मिलती है। इसके लिए वेब ब्राउजिंग फीचर का एक्सेस अलग से होना जरूरी है।