COAI ने पब्लिक Wi-Fi का किया विरोध, बताया देश की सुरक्षा के लिए हो सकता है खतरा
COAI ने पब्लिक वाई-फाई पर सवाल खड़े किए हैं, इससे देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो सकता है
By Harshit HarshEdited By: Updated: Tue, 10 Jul 2018 07:39 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने देश में इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक डाटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) का सुझाव दिया, जिसका देश की सभी टेलिकॉम कंपनियों ने विरोध किया। टेलिकॉम कंपनियों ने यह दलील दी की पब्लिक डाटा एग्रीगेटर से पहले से ही घाटे में चल रही टेलिकॉम कंपनियों को और घाटा हो सकता है। साथ ही देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।
ट्राई ने दिया डाटा ऑफिस खोलने का सुझावआपको बता दें कि मौजूदा साइबर कैफे नियम के मुताबिक ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) ने पब्लिक डाटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) से पब्लिक टेलीफोन बूथ की तरह ही डाटा सेंटर खोलने की पैरवी की थी। जिससे पुराने पीसीओ (पब्लिक कॉल ऑफिस या टेलीफोन बूथ) के जरिए लोग वाई-फाई की सेवा का आनंद ले सकेंगे। ट्राई ने कहा कि, साइबर कैफे की तरह ही लोग इन पब्लिक वाई-फाई जोन से इंटरनेट का आनंद उठा सकेंगे, जिसके लिए पब्लिक वाई-फाई डाटा सेंटर को पहले टेलिकॉम डिपार्टमेंट के साथ पंजीकृत कराना होगा।
COAI ने देश की सुरक्षा पर उठाए सवालवहीं, टेलिकॉम कंपनियों की एसोसिएशन COAI (सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने ट्राई के इस सुझाव का विरोध करते हुए कहा कि इस सुझाव से बिना लाइसेंस के भी इंटरनेट सेवा को बेचा जा सकता है। जो कि मौजूदा लाइसेंस सिस्टम के विरूद्ध हैं। तमाम टेलिकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम से लेकर टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं। उन्हें इस सुझाव से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, इस तरह के पब्लिक डाटा ऑफिस से देश की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।