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ChatGPT vs Bard: Google और Microsoft के बीच इंटेलिजेंस की लड़ाई, किसकी होगी जीत

बीते दिनों में गूगल ने ChatGPT को टक्कर देने के लिए अपने AI आधारित चैटबॉट को पेश किया। इसे Bard नाम दिया गया है। आज हम बात करेंगे की AI से जुड़ा कैसा होगा। साथ ही ये भी जानेंगे की ये दोनों एक दूसरे से कैसे अलग है। (जागरण फोटो)

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Wed, 08 Feb 2023 09:51 AM (IST)
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How ChatGPT is different from Google's Bard, know the details

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google ने इस हफ्ते अपने AI आधारित चैटबॉट बार्ड (Bard) का अनावरण किया है, जो चैटजीपीटी को टक्कर देगा। तकनीकी स्टार्टअप OpenAI ने ChatGPT के साथ AI टेक्नोलॉजी को एस नई दिशा दी है। इसके बाद से गूगल और बहुत सी बड़ी कंपनियां इससे प्रतिपर्धा करने के लिए अपनी सर्विसेस शुरू करने में लगी है। आज हम आपको बताएंगे की ChatGPT और Bard में क्या अंतर है तो चलिए शुरू करते हैं।

क्या है ChatGPT?

वैसे तो हम पहले ही इसके बारे में बात कर चुके हैं, मगर सरल भाषा में कहें तो ChatGPT एक AI आधारित चैटबॉट है , जो आपके सभी सवालों का जवाब देता है। इसके साथ ही यह आर्टिकल लिखने, निबंध लिखने और यहां तक की कविता लिखने में सक्षम है। ऐसा करने के लिए यह वेब पर मौजूद जानकारी के एक नए स्रोत के रूप में कार्य करता है। यही गूगल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

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2030 तक कई अरब डॉलर का होगा ये बिजनेस

इसके परिणाम स्वरूप Google और अन्य तकनीकी कंपनियों ने ऐसी सेवाओं के लॉन्च में तेजी ला दी है। ग्रैंड व्यू रिसर्च के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक चैटबॉट बाजार का आकार वर्ष 2030 तक 3.99 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। Google को मौजूदा कोर - डायलॉग एप्लिकेशन के लिए लैंग्वेज मॉडल (LaMDA) प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में सक्षम होने का लाभ होगा। बता दें कि बार्ड अब 'विश्वसनीय परीक्षकों' के एक चुनिंदा समूह के लिए उपलब्ध है, जिसे आने वाले हफ्तों में जनता के लिए उपलब्ध कराने की योजना है।

शिक्षा के क्षेत्र के लिए नहीं सही है ChatGPT

कई शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है स्कूल और कॉलेजों में ChatGPT का इस्तेमाल सही नहीं है। क्योंकि यह जो भी उत्तर देता है, वो बिल्कुल इंसानों की तरह होता है। जिस कारण इनकी पहचान करना मुश्किल है। इसलिए भारत और दुनिया भर के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी में इसे बैन कर दिया गया है।

प्रिंसटन विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर अरविंद नारायणन का कहना है कि इसका सीधा मतलब है कि चैटजीपीटी का उपयोग शिक्षा या स्वास्थ्य से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए करना एक बुरा विचार होगा। बता दें कि ChatTGPT गणित के सवालों के उत्तर देने में भी संघर्ष करता है।

जटिल लर्निंग को आसान बनाता है गूगल का चैटबॉट

गूगल के Bard का उपयोग सर्च इंजन में AI सुविधाओं को जोड़ने के लिए किया जाएगा, जो जटिल प्रश्नों के लिए कंटेंट को सिंथेसाइज करता है।सरल भाषा में कहें तो यह जटिल कामों जैसे गिटार या पियानो सीखना आसान बताना है ।

ChatGPT का पेड वर्जन

OpenAI ने अपनी लोकप्रियता के चलते अब चैटजीपीटी प्लस सब्सक्रिप्शन सेवा की घोषणा की है, जो 20 प्रति माह डॉलर (लगभग ₹1,650) की कीमत पर यूजर्स को तेजी से प्रतिक्रियाएं और नई सुविधाओं के साथ-साथ प्लेटफॉर्म सुधारों तक एक्सेस देती है।

वहीं गूगल का बार्ड अभी परीक्षण में जा रहा है और आने वाले हफ्तो में इसे व्यापक रूप से पेश किया जाएगा। बता दें कि यह Google LaMDA के लाइट वर्जन का उपयोग करेगा। LaMDA कम कंप्यूटिंग पावर का उपयोग करता है, जो बोर्ड पर अधिक यूजर्स की अनुमति देता है।

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