लोकतंत्र के लिए खतरा बन रहे Deepfake: शेयर करने से पहले पता कर लें हकीकत, बेहद आसान है तरीका
यह बीते महीने अप्रैल की ही बात है जब बॉलीवुड स्टार से जुडे़ फेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए थे। दोनों ही एक्टर ने सामने आकर यह जानकारी देकर सभी को चौंका दिया था कि यह फेक वीडियो थे। ये वीडियो डीपफेक से जुड़े थे। इस मामले में पुलिस कंप्लेन भी फाइल की गई। ऐसा ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का वीडियो सामने आया।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपको बॉलीवुड स्टार आमिर खान और रणवीर सिंह के वो वीडियो याद हैं, जिनमें ये एक्टर पीएम मोदी की आलोचना करते नजर आए थे? यह बीते महीने अप्रैल की ही बात है जब बॉलीवुड स्टार से जुड़े ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए थे।
हालांकि, दोनों ही एक्टर ने सामने आकर यह जानकारी देकर सभी को चौंका दिया था कि यह फेक वीडियो थे। ये वीडियो डीपफेक से जुड़े थे। इस मामले में पुलिस कंप्लेन भी फाइल की गई।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो
ठीक ऐसा ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो हाल ही में सामने आया। इस वीडियो में अमित शाह एससी, एसटी और पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्वेशन अधिकारों को कम करने की बात करते नजर आए।इस वीडियो को लेकर पीएम मोदी ने एक इलेक्शन रैली में खुद जानकारी दी। पीएम मोदी जानकारी देते नजर आए कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस तरह के कंटेंट को क्रिएट करने में गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
कैसे जानें की वीडियो असली है या नकली
देश में अभी चुनावी माहौल चल रहा है। ऐसे में सवाल यह आता है कि किसी तरह का वीडियो सामने आने पर यह कैसे जाना जाए कि वीडियो असली है या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से क्रिएट किया गया एक फेक वीडियो है।
असली और नकली वीडियो का फर्क ऐसे पता करते हैं एक्सपर्ट
दरअसल, इस तरह के वीडियो की पहचान करना बहुत हद तक आसान नहीं होता, लेकिन वीडियो को बार-बार प्ले कर कुछ न कुछ खामियों को पकड़ा जा सकता है।आवाज और लिप-सिंक
जैसे रणवीर सिंह वाले वीडियो को जब जांचा गया था तो लिंप सिंक और आवाज को लेकर फर्क देखा गया। यानी आवाज के साथ होंठों से निकलने वाले शब्दों का मैच नहीं हो पा रहा था। इस वीडियो के वॉइस ओवर में भी कुछ अलग महसूस किया गया।डीपफेक डिटेक्शन
डीपफेक वीडियो की पहचान के लिए एक्सपर्ट्स डीपफेक डिटेक्शन टूल्स का भी इस्तेमाल करते हैं। रणवीर सिंह वाले वीडियो की जांच IIT Jodhpur द्वारा डेवलप किए गए डीपफेक डिटेक्शन टूल का इस्तेमाल हुआ। जिसके बाद एआई-वॉइस क्लोन का पता चल सका।ऑरिजनल वीडियो
इसी के साथ जब भी कभी इस तरह का फेक वीडियो सामने आता है ऑरिजनल वीडियो की अहमियत बढ़ जाती है। किसी भी शख्स का डीपफेक वीडियो बन रहा है तो इसका ऑरिजनल वीडियो मौजूद होता है। इस ऑरिजनल वीडियो में ही फेर-बदल कर फेक वीडियो को सर्कुलेट किया जाता है।डीपफेक वीडियो की जांच करने के लिए एक्सपर्ट्स वीडियो से इमेज लेकर इसे रिवर्स इमेज सर्च के साथ जांच करते हैं।ऐसा करने के साथ इस इमेज से जुड़ी कई इमेज रिजल्ट ओपन होते हैं, जिनमें एक ऑरिजनल वीडियो या फोटो जरूर होता है। ये भी पढ़ेंः Deepfake के शिकार हुए बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह, लोगों ने असली वीडियो पोस्ट कर जताया विरोध; पूरा मामलाडीपफेक इमेज की कैसे होती है पहचान
फेक वीडियो की तरह ही डीपफेक इमेज आज के समय एक बड़ा चैलेंज बन रही हैं। ऑनलाइन फ्री टूल्स के साथ डीपफेक और भी बढ़ गया है। ऑरिजनल फोटो में नजर आ रहे शख्स का चेहरा इस तरह किसी दूसरे शख्स से बदल दिया जाता है कि असली और नकली का फर्क करना मुश्किल हो जाता है। रश्मिका मंदाना और सारा तेंदुलकर की डीपफेक इमेज भी सभी को चौंका गई थीं।ये भी पढ़ेंः Delhi Police ने एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना के डीपफेक मामले में चार संदिग्धों की पहचान की, मुख्य साजिशकर्ता अभी भी फरारअसली-नकली फोटो की ऐसे होती है पहचान
- इस तरह के फोटो में अमूमन फेसियल एक्सप्रेशन, बॉडी मूवमेंट, ब्लिंकिंग, मिसमैच लिप सिंक पर बारिकी से गौर दिया जाता है।
- इस तरह के फेक इमेज में अक्सर लाइट कम-ज्यादा, बैकग्राउंड का मैच न हो पाना या कुछ हिस्सा धुंधला होना पाया जाता है।
- इस तरह के इमेज को लेकर सोर्स भी मायने रखता है। अगर इमेज किसी रैंडम सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया जा रहा है तो इमेज फेक होने के चांस बढ़ जाते हैं।
- वी़डियो की तरह ही एक्सपर्ट्स ऑरिजनल फोटो को इंटरनेट पर इमेज रिवर्सल टूल्स के जरिए खोजने की कोशिश करते हैं।