मेड इन इंडिया फोन की बढ़ रही डिमांड, एक्सपोर्ट के मामले में स्थिति हुई बेहतर
इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर (आईटीसी) के डेटा के अनुसार पिछले कुछ सालों में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले स्मार्टफोन की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चीन और वियतनाम जैसे देशों का मोबाइल एक्सपोर्ट जहां घटा है तो भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। 2023-24 में चीनी मोबाइल फोन का निर्यात सालाना आधार पर 2.8% घटकर करीब 11 लाख करोड़ पर आ गया।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों में भारत का स्मार्टफोन बाजार कई गुना तेजी से बढ़ा है। देश में बनने वाले स्मार्टफोन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। भारत में बने स्मार्टफोन वैश्विक स्तर पर भी पसंद किए जा रहे हैं। विदेशों में मेड इन इंडिया फोन्स की डिमांड बढ़ रही है।
वहीं, अब एक्सपोर्ट के लिहाज से भारत चीन और वियतनाम जैसे देशों के साथ कदमताल कर रहा है। इन दोनों देशों का एक्सपोर्ट घटा है। जिसका सीधा फायदा भारत को हुआ है। जबकि भारत इनसे कहीं बेहतर स्थिति में है।
मेड इन इंडिया फोन का डंका
इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर (आईटीसी) के डेटा के अनुसार पिछले कुछ सालों में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले स्मार्टफोन की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चीन और वियतनाम जैसे देशों का मोबाइल एक्सपोर्ट जहां घटा है तो भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है।
2023-24 में चीनी मोबाइल फोन का निर्यात सालाना आधार पर 2.8% घटकर करीब 11 लाख करोड़ पर आ गया। जो दिखाता है कि चीनी स्मार्टफोन का बाजार वैश्विक स्तर पर घटा है। वहीं, वियतनाम का मोबाइल फोन निर्यात 17.66% घटकर 2.19 लाख करोड़ रुपए रह गया है।
तेजी से बढ़ा एक्सपोर्ट
दोनों ही देश कुछ समय पहले तक एक्सपोर्ट के मामले में भारत से काफी आगे थे। भारत से एक्सपोर्ट बढ़ने का अंदाजा इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 92,617 करोड़ रुपये के मोबाइल भारत से एक्सपोर्ट हुए थे। लेकिन, इस बार भारत ने छलांग लगाते हुए 40.54% बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल एक्सपोर्ट किए है, जो दिखाता है कि भारत ने 38 हजार करोड़ रुपये ज्यादा के मोबाइल एक्सपोर्ट किए हैं।
वियतनाम के निर्यात में गिरावट
इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर (आईटीसी) के डेटा में बताया गया है कि वियतनाम जो कुछ समय पहले तक बड़े स्तर पर मोबाइल एक्सपोर्ट करता था। उसके कुल निर्यात में 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो साफ दर्शाता है कि इस देश में बने मोबाइल विदेशी स्तर पर पहले की तुलना में कम पसंद किए जा रहे हैं। जबकि चीन भी एक्सपोर्ट के मामले में चीन के साथ भी ऐसा ही हो रहा है।
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