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जानें क्या है Augmented, Virtual और Mixed Reality में अंतर

ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) और वर्चुअल रिएलिटी (VR) के लॉन्च ने विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों को पूरी तरह से बदल दिया है

By Shilpa Srivastava Edited By: Updated: Sat, 09 Mar 2019 10:00 PM (IST)
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जानें क्या है Augmented, Virtual और Mixed Reality में अंतर
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। तकनीकी क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में कई बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के चलते दुनिया को देखने का नजरिया भी बदल चुका है। ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) और वर्चुअल रिएलिटी (VR) के लॉन्च ने विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों को पूरी तरह से बदल दिया है। इन तकनीकों ने लोगों को तकनीक के साथ बेहतर इंटरेक्शन की अनुमति दी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि AR और VR का मतलब क्या है। साथ ही क्या आप यह जानते हैं कि AR और VR के अलावा MR तकनीक भी उपलब्ध है। MR का मतलब मिक्स्ड रिएलिटी है। इसे माइक्रोसॉफ्ट होलोलेंस के साथ पेश किया गया था। यहां हम आपको इन तीनों का मतलब अलग-अलग बता रहे हैं।

Augmented Reality (AR):

ऑगमेंटेड रियलिटी में तकनीक की सहायता से आपके आसपास के वातावरण की तरह एक डिजिटल दुनिया बनाई जाती है। यह देखने में एकदम वास्तविक लगता है। इस तकनीक का इस्तेमाल डिजिटल गेंमिग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, शॉपिंग, और चिकित्सा के क्षेत्र में किया जा रहा है। यह तकनीक कैमरा के जरिए काम करती है। वर्ष 2016 में लॉन्च हुआ Pokemon Go गेम इसका एक अच्छा उदाहरण है। साथ ही Instagram और Snapchat इस तकनीक का इस्तेमाल कर लाइव फेस स्टीकर्स उपलब्ध कराते हैं।

Virtual Reality (VR):

वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी के विपरीत है। वर्चुअल रियलिटी में रियल वर्ल्ड के बजाय एक अलग ही वर्चुअल दुनिया बनाई जाती है। इसके लिए एक दृश्य और आवाज का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए एक हेडसेट बनाया गया है जिसमें कैमरा मौजूद है। इस तरह के VR हेडसेट मार्केट में उपलब्ध हैं। इनमें HTC Vive, Oculus Rift, Google Daydream View भी शामिल हैं। इस तकनीक को गेमिंग में तो इस्तेमाल किया ही जाता है, लेकिन इसे प्रोफेशनल ट्रेनिंग जैसे डॉक्टर, पायलट और हॉस्टपीटेलिटी सेक्टर में भी इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि यह तकनीक काफी महंगी है और हर कोई इसे अफोर्ड नहीं कर सकता है।

 

Mixed Reality (MR):

मिक्स्ड रियलिटी प्लेटफॉर्म को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा पेश किया गया है। इस तकनीक को होलोलेंस के साथ उपलब्ध कराया गया है। इसमें AR और VR एक साथ काम करते हैं। इसका मतलब इस तकनीक में हेडसेट के साथ कैमरा अटैच रहता है। ऑगमेंटेड रियलिटी के लिए इस्तेमाल किया गया कैमरा वर्चुअल रियलिटी इफेक्ट बनाता है। इस तकनीक में आने वाले समय में तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। AR और VR से इसे बेहतर और विस्तृत माना जाता है। यह आने वाले समय में इंडस्ट्री वर्क्स और मेडिकल प्रोफेशनल्स के काम आ सकती है।

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