Move to Jagran APP

Virus vs Trojan: एक-दूसरे कितने अलग हैं वायरस और ट्रोजन, आपकी प्राइवेसी के लिए हैं खतरा

टेक्नोलॉजी जैसे जैसे आगे बढ़ रही है यूजर्स के लिए प्राइवेसी के खतरे बढ़ रहे हैं। कंप्यूटर पर काम करते हुए आपने अक्सर वायरस के बारे में जरूर सुना होगा। क्या आपने ट्रोजन शब्द के बारे में सुना है जिसके इस्तेमाल से हैकर्स कंप्यूटर सिस्टम को अपने कंट्रोल में करने के साथ साथ आपका महत्वपूर्ण डेटा भी चोरी कर सकते हैं। यहां हम इस आर्किटल में आपको वायरस और ट्रोजन के बारे में डिटेल में बता रहे हैं।

By Subhash GariyaEdited By: Subhash GariyaUpdated: Wed, 28 Jun 2023 03:54 PM (IST)
Hero Image
difference between virus and trojan horse. (Photo- Jagran)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। कंप्यूटर और इंटरनेट पर काम करते हुए आपने अक्सर ‘वायरस’ शब्द के बारे में सुना होगा। आज हम आपको वायरस से एक दूसरे खतरनाक रूप ‘ट्रोजन’ के बारे में जानकारी दे रहे हैं। हालांकि ये मौलिक संरचना में एक दूसरे से अलग जरूर हैं, लेकिन इनमें काफी कुछ एक जैसा है, जिससे ये यूजर्स की प्राइवेसी के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

वायरस क्या है?

सबसे पहले बात वायरस की, ये मालसियस कोड हैं, जिन्हें एक्सक्यूटेबल फाइल (exe) के साथ अटैच किया जाता है। जब ऐसी कोई फाइल कंप्यूटर पर इंस्टॉल की जाती है तो ये आपके सिस्टम में एंट्री कर जाते हैं। यह जरूरी नहीं हैं कि सभी वायरस यूजर्स के लिए हानिकारक हों। इसका उदाहरण आपके सिस्टम में इंस्टॉल एंटी-वायरस है।

  • वायरस एक प्रकार मैलवेयर एक्सक्यूटेबल कोड है जो एक्सक्यूटेबल फाइल से जुड़ा हुआ होता है। जरूरी नहीं है कि यह हानिकारक हो। यह आपके सिस्टम के डेटा को बदल या फिर उसे डिलीट कर सकता है।
  • वायरस की मदद से हैकर्स कंप्यूटर में मौजूद डेटा को बदलने के साथ-साथ सिस्टम फंक्शनैलिटी में बदलाव कर सकते हैं।
  • वायरस का हानिकारक होते हैं क्योंकि वे पूरे कंप्यूटर सिस्टम को डिस्ट्रॉइ करने की क्षमता रखते हैं।
  • एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की मदद से कंप्यूटर में मौजूद वायरस का पता लगाया जा सकता है।
  • वायरस को रिमोटली कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।
  • एक्सक्यूटेबल फाइल यानी exe फाइल की मदद से वायरस को इंस्टॉल किया जा सकता है।
  • वायरस दो प्रकार - रेजिडेंट और नॉन-रेजिडेंट के होते हैं।
  • वायरस में सिस्टम में इंस्टॉल होने के बाद खुद को दोहराने की क्षमता होती है।

ट्रोजन क्या है?

दूसरी ओर ‘ट्रोजन’ मालवेयर्स का ग्रुप हैं, जिन्हें कंप्यूटर पर अनऑथराइज्ड एक्सेस के लिए डिजाइन किया जाता है, ताकि यूजर्स का डेटा या दूसरी महत्वपूर्ण जानकारी चुराई जा सके। ट्रोजन के इस्तेमाल हैकर्स आपके कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क पर कंट्रोल कर सकते हैं। ये भी एक्सक्यूटेबल फाइल के जरिए ही कंप्यूटर में प्रवेश करते हैं।

  • ट्रोजन हॉर्स मालवेयर का एक ग्रुप है, जो कंप्यूटर सिस्टम या कंप्यूटर नेटवर्क से कुछ भी जरूरी जानकारी चुरा सकता है।
  • ट्रोजन की मदद से हैकर्स का फोकस कंप्यूटर सिस्टम पर कंट्रोल करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण डेटा चुराना है।
  • वायरस की तुलना में ट्रोजन भी कम हानिकारक नहीं है। इनकी मदद से हैकर्स आपका डेटा चोरी किया जा सकता है।
  • ट्रोजन हॉर्स का भी पता एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से लगाया जाता है।
  • ट्रोजन हॉर्स को रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है।
  • ट्रोजन वायरस कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम की मदद से एंट्री कर सकते हैं।
  • ट्रोजन हॉर्स के कई प्रकार होते हैं, जिसमें बैक ऑफिस, रूटकिट और बीस्ट ट्रोजन सामान्य हैं।
  • ट्रोजन में एक बार इंस्टॉल होने के बाद खुद को दोहराने में समर्थ नहीं होते हैं।

अपने कंप्यूटर को वायरस और ट्रोजन से कैसे दूर रखें?

यह तो आप जान चुके हैं तो ट्रोजन और वायरस आपके सिस्टम के लिए कितने खतरनाक हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके शेयर कर रहे हैं, जिनकी मदद से आप इन्हें अपने कंप्यूटर सिस्टम से दूर रख सकते हैं।

  • अनजान कॉन्टैक्ट से आने वाले ईमेल में अटैचफाइल फाइल को ओपन न करें। इसके साथ ही इन फाइल को डिवाइस में इंस्टॉल करने से बचना चाहिए।
  • हमेशा अपने कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और इंस्टॉल सॉफ्टवेयर को अप-टू डेट रखें।
  • कंप्यूटर पर सिर्फ ऑरिजनल सॉफ्टवेयर यूज करें। फ्री के लालच में थर्ड पार्टी वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से बचें।
  • डिवाइस में फायरवॉल का इस्तेमाल करें।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ट्रोजन, वायरस नहीं है बल्कि ये मैलवेयर का एक प्रकार है। लोग सामान्य तौर पर ट्रोजन वायरस या ट्रोजन हॉर्स वायरस बोल देते हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है।

ट्रोजन को सामान्य तौर पर ट्रोजन वायरस या ट्रोजन हॉर्स वायरस कहा जाता है। वायरस एक्सक्यूट होने के साथ अपने को रिप्लीकेट करते हैं, जबकि ट्रोजन ऐसा करने में असमर्थ होते हैं।

ट्रोजन को कम्यूटर से कई तरह से रिमूव किया जा सकता है। अगर आपको पता चले कि किसी सॉफ्टवेयर में मैलवेयर है तो आप इन्हें डिलीट कर ट्रोजन को रिमूव कर सकते हैं। इसके साथ ही एंटीवायरस की मदद से आप ट्रोजन का पता लगा कर उन्हें कंप्यूटर से रिमूव कर सकते हैं।