Generative AI से खत्म हो जाएंगी लोगों की नौकरियां? ऑटोमेशन से कितनी बदलेगी आपकी दुनिया
Generative AI टूल्स लॉन्च से ही एक भारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कई ऐसे काम हैं जिन्हें एक आम आदमी घंटों में करता है लेकिन उसे एआई की मदद से उसे चुटकियों में किया जा सकता है। (फोटो जागरण )
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Fri, 21 Apr 2023 07:59 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। जब से OpenAI ने अपने भाषा मॉडल ChatGPT के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बड़े बदलाव किये हैं, तबसे लेकर अभी तक उस पर कई सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों ने ChatGPT को खतरनाक करार कर दिया कि ये लोगों की नौकरी खत्म कर देगा।
अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही वो सारे काम करने लगे जो एक आम इंसान करता है, तो उसकी नौकरी के खतरे पर बात आ ही जाएगी। एक हालिया रिसर्च में पाया गया है कि 55 प्रतिशत से अधिक सीईओ और सीएफओ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एकीकृत करने और मनुष्यों पर निर्भरता कम करने पर विचार कर रहे हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की एक रिपोर्ट में अमेरिकी वित्तीय सेवा फर्म मर्सर के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा गया है कि 57 प्रतिशत सीईओ और सीएफओ ऑटोमेशन और अन्य उद्देश्यों के लिए एआई का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि लगभग एक तिहाई इंसानों पर हमारी निर्भरता को कम करने के लिए "रीडिजाइनिंग वर्क" कर रहे हैं।
इसके अलावा, मर्सर के 2022 ग्लोबल ट्रेंड्स ने दिखाया कि 71 प्रतिशत कर्मचारी अब मानते हैं कि ऑटोमेशन उनकी कार्य प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से बदल देगा। हालांकि, डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के लेखक रविन जेसुथासन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमताओं को नौकरियों के विकल्प के बजाय कुशल और नैतिक उपयोग के लिए बढ़ाया जाना चाहिए।
क्या है जनरेटिव एआई
जनरेटिव AI टूल्स की अपनी शुरुआत के बाद भारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कई ऐसे काम, जिन्हें एक आम आदमी घंटों में करता है, उसे एआई में तब्दील किया जा सकता है। कानूनी कागजों का सारांश तैयार करने से लेकर आर्टिकल लिखने तक, ऑटोमेशन उन कामों को मिनटों में पूरा कर सकता है, जो मनुष्य घंटों में करता था।
Google और Microsoft जैसी शीर्ष तकनीकी फर्म पहले से ही एआई को बिजनेस के लिए अपने वर्क सूट में एकीकृत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले सालों में ये कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ज्यादा महत्व देंगी।