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कैसे कम हो Google का दबदबा? कंपनी को बेचना पड़ सकता है वेब ब्राउजर Chrome

गूगल के एकाधिकार को कम करने के लिए अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) उससे क्रोम और दूसरे बिजनेस बेचने के लिए कह रहा है। हालांकि गूगल ने इसे मानने के लिए साफ मना कर दिया है। डीओजे का कहना है कि गूगल अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए क्रोम का इस्तेमाल करता है जिससे दूसरी कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।

By Subhash Gariya Edited By: Subhash Gariya Updated: Tue, 19 Nov 2024 10:05 AM (IST)
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गूगल को एकाधिकार कम करने के बेचने पड़ सकते हैं बिजनेस
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। गूगल के एकाधिकार को कम करने के लिए अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने कमर कस ली है। गूगल पर एंटीट्रस्ट मामले में चल रहे केस के दौरान DOJ ने गूगल को अपने बिजनेस अलग-अलग करने के लिए कहा है। DOJ चाहता है कि गूगल अपना वेब ब्राउजर क्रोम बेचे और बिजनेस कम करें। इस मामले में कोर्ट यह पहले ही कह चुका है कि इंटरनेट सर्च मार्केट में गूगल का एकाधिकार है। इसके साथ ही क्रोम दुनिया में सबसे ज्यादा यूज होने वाला वेब ब्राउजर है। कोर्ट का यह भी कहना था कि गूगल अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग करता है, जिससे दूसरी कंपनियों के लिए रास्ते बंद हो जाते हैं।

क्रोम से गूगल को क्या फायदा है?

ब्‍लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, DOJ के अदालत को बताया है कि ऑनलाइन सर्च में गूगल के एकाधिकार से दूसरी कंपनियों का काफी नुकसान पहुंच रहा है। गूगल अपने प्रोडक्ट्स को यूजर्स तक क्रोम ब्राउजर की मदद से प्रमोट करता है। यह उसे दूसरी कंपनियों की तुलना में बहुत बड़ी लीड देता है। इससे दूसरी कंपनियों के लिए कॉम्पिटिशन लगभग खत्म हो जाता है और उनके बढ़ने के अवसर खत्म हो जाते हैं।

इस मामले में गूगल की रेगुलेटरी अफेयर्स की वाइस प्रेसीडेंट ली ऐन मुलहॉलैंड ने ब्लूमबर्ग से बात करते हुए DOJ की दलील का खंडन किया है। उनका कहना था हम इस मामले में कानूनी तरीके पर आगे चलेंगे। उनका यह भी कहना था डीओजी अलग ही एजेंड़ा चला रहा है। गूगल का यह भी कहना था इसके चलते गूगल के बिजनेस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

गूगल पर लग सकती हैं ये शर्तें

गूगल के एकाधिकार को कम करने के लिए DOJ कंपनी में कई बदलाव करने की मांग कर सकता है। इनमें गूगल को एंड्रॉइड, सर्च और गूगल प्ले को अलग-अलग करने की शर्त शामिल है। हालांकि, DOJ गूगल को मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी एंड्रॉइड बेचने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

इसके साथ ही ऑनलाइन एड स्पेस में उसे विज्ञापनदाताओं को यह जानकारी देनी होगी कि वह ये तय कर पाएं कि उनका विज्ञापन कहां और किस समय दिखाया जाए। अभी यह सिर्फ गूगल तय करता है कि विज्ञापन कहां और किसे दिखाई देंगे।

DOJ यह भी चाहता है कि गूगल वेबसाइट्स से बिना इजाजत के उनके कन्टेंट का इस्तेमाल अपने जेन एआई प्रोडक्ट में इस्तेमाल न करें। इसके साथ ही गूगल के एकाधिकार को कम करने के लिए और भी नियम लाए जा सकते हैं।

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(एजेंसी इंपुट के साथ)