अब IIT दिल्ली करेगा रोबोटिक्स के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब का सेटअप
DST देश में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है और इसके तहत रोबोटिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए IIT दिल्ली को 170 करोड़ रुपये सेंशन किए गए हैं
By Renu YadavEdited By: Updated: Sat, 22 Aug 2020 02:35 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST) ने IIT दिल्ली को अंतर्विषयक साइबर फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS) के तहत 170 करोड़ रुपये सेंशन किए हैं। इसकी मदद से IIT दिल्ली अब कोबोटिक्स पर एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब स्थापित करेगा। आईआईटी दिल्ली में Cobotics पर प्रौद्योगिकी नवाचार हब (IHFC) के रूप में जाना जाता है। बता दें कि IIT दिल्ली में इस पहल के तहत जिन चार वर्टिकल को कवर किया जाएगा उसमें मेडिकल रोबोटिक्स, कृषि और एग्रीकल्चर एंड डिजास्टर मैनेजमेंट, डिफेंस, और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग शामिल हैं।
IIT दिल्ली के 50 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स के अलावा भारत और विदेशों में जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य कंपनियों के 50 अन्य फैकल्टीज पहले से ही कोबोटिक्स (IHFC) के लिए I-Hub Foundation के साथ प्रतिबद्ध हैं। IIT दिल्ली के निदेश प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव का कहना है कि 'I-Hub Foundation न केवल सहयोगात्मक रोबोटिक्स यानी कोबोटिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान करेगा, बल्कि मानवता के लाभ के लिए उत्पादों में नियमित रूप से परिणामों का अनुवाद करेगा।'
IIT दिल्ली रोबोटिक्स के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब का सेटअप करेगा और मुख्य तौर पर उन तकनीकों पर फोकस किया जाएगा, जिसमें रोबोट को इंसानों के साथ मिलकर काम करने में सक्षमता मिले। साधारण शब्दों में कहें तो नई तकनीक की मदद से मानव और रोबोट एक साथ मिलकर काम कर सकेंगे। यह ऐसी जगहों पर बेहतर काम करेगा जहां रोबोटों की सटीकता और मानव वातावरण में काम करने की क्षमता के साथ मानव बुद्धि का लाभ अधिकतम हो सके जहाँ मानव काम नहीं कर सकता है।.@IndiaDST has sanctioned Rs 170 crores to @iitdelhi to set up a Technology Innovation Hub on #Cobotics.
The focus will be given to technologies where robots can work together with humans to maximize the benefits of human intelligence.
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— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) August 22, 2020
इस इनोवेशन का मुख्य फोकस उन तकनीकों पर किया जाएगा जहां मानव बुद्धि के लाभों को बेहतर करने के लिए रोबोट मनुष्यों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। 21वीं सदी संवेदन, कंप्यूटिंग, एल्गोरिथ्म अनुसंधान और विकास में अभूतपूर्व उन्नति का युग रहा है। अब अप्रत्यक्ष रूप से रोबोटिक्स अनुसंधान में वृद्धि और वास्तविक दुनिया में इसके अनुकूलन की शुरुआत की गई है। दुनिया में अभी से कई जगहों पर मनुष्य से अधिक रोबोट का उपयोग किया जा रहा है। खास बात है COVID-19 संकट में यह रोबोट के जरिए काम करने की प्रवृत्ति को काफी बढ़ावा भी मिला है।