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आपके टूथब्रश से भी हो सकती है हैकिंग, चौंकिए नहीं! इन गलतियों की वजह से हो सकता है ऐसा

DDoS अटैक के लिए हैकर्स टूथब्रथ का सहारा ले रहे हैं। ये बात हम नहीं बल्कि एक नई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। Aargauer Zeitung की एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि हैकर्स ने 30 लाख इलेक्ट्रिक टूथब्रश को बॉटनेट में बदल कर इनफैक्ट किया। इस रिपोर्ट के मुताबिक टूथब्रश बॉटनेट को इसके जावा-बेस्ड ओएस की वजह से असुरक्षित माना गया है।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Thu, 08 Feb 2024 10:00 AM (IST)
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टूथब्रश से भी हो सकती है हैकिंग, चौंकिए नहीं! इन बातों का रखें खास ध्यान

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। DDoS अटैक के लिए हैकर्स टूथब्रथ का सहारा ले रहे हैं। ये बात हम नहीं, बल्कि एक नई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

Aargauer Zeitung की एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि हैकर्स ने 30 लाख इलेक्ट्रिक टूथब्रश को बॉटनेट में बदल कर इनफैक्ट किया।

इलेक्ट्रिक टूथब्रश के ओएस में हो सकती है खामी

रिपोर्ट में कहा गया है कि डेन्टल क्लीनसिंग टूल को एक स्विस कंपनी की वेबसाइट पर DDoS अटैक के लिए इस्तेमाल किया गया।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, टूथब्रश बॉटनेट को इसके जावा-बेस्ड ओएस की वजह से असुरक्षित माना गया है।

बता दें, इलेक्ट्रिक टूथब्रश का इस्तेमाल किसी यूजर की ओरल हाईजीन आदतों को ट्रैक करने और उनमें सुधार लाने के लिए होता है। अटैकर्स के निशाने पर आने के बाद यही ब्रश बॉटनेट में बदल गए।

अटैकर्स से कैसे बचा जाए

अब सवाल आता है कि इलेक्ट्रिक टूथब्रश को अटैकर्स से कैसे सेफ रखा जा सकता है। ग्लोबल सिक्योरिटी फर्म Fortinet के स्विस ब्रांच के Stefan Zuger ने इस तरह के अटैक से बचने के लिए कुछ सलाह दी हैं।

वे कहते हैं कि हर वह डिवाइस जो इंटरनेट से कनक्टेड है अटैकर्स का टारगेट रहता है। अटैकर्स इस तरह के डिवाइस को लेकर लगातार खामियों की तलाश में रहते हैं।

वहीं दूसरी ओर सॉफ्टवेयर डेवलपर लगातार इस तरह के गैजेट को बेहतर बनाने पर काम करते हैं।

Fortinet ने जब एक असुरक्षित पीसी को इंटरनेट से कनेक्ट किया तो पाया कि अटैकर्स डिवाइस को मात्र 20 मिनट में मालवेयर से इन्फेक्ट करने में कामियाब रहे।

Zuger सलाह देते हैं कि डिवाइस ऑनर्स को डिवाइस, फर्मवेयर और सॉफ्टवेयर अपडेट रखना चाहिए। इतना ही नहीं, किसी तरह की संदिग्ध एक्टिविटी को लेकर भी लगातार सचेत रहने की जरूरत है।

इसके अलावा, यूजर को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करने और नेटवर्क सिक्योरिटी को फॉलो करने की सलाह दी जाती है।

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