इंसानों के दिमाग में चिप लगाएंगे Elon Musk, ह्यूमन ट्रायल की मिली मंजूरी, यहां जानें क्या है पूरा मामला
एलन मस्क जो अक्सर एक्स को लेकर चर्चा में रहते है लेकिन इस बार मस्क अपने ब्रेन इम्प्लांट स्टार्टअप न्यूरालिंक को लेकर चर्चा में है। इस कंपनी को अपने पहले मानव परीक्षण के लिए मरीजों की भर्ती शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। बता दें कि ये परीक्षण 6 सालों के लिए चलेगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Elon Musk अपने अलग-अलग कारनामों के कारण काफी चर्चा में रहते हैं। कुध महीनों पहले मस्क में इंसान के दिमाग में चिप लगाने की बात कही थी, मगर उनको इसकी मंजूरी नहीं मिली थी। हालांकि अब कंपनी के ब्रेन चिप के पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है।
एलन मस्क न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी ने बीते मंगलवार को इस बात की जानकारी दी कि उसे परालिसिस के रोगियों पर केंद्रित छह साल के स्टडी के लिए ब्रेन चिप को इंस्टॉल कर सकते हैं। इसके लिए कंपनी को मरीजों की भर्ती शुरू करने की भी मंजूरी मिल गई है।
इन मरीजों पर होगी टेस्टिंग
- मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि ब्रेन इंप्लान्ट के क्लिनिकल टेस्टिंग में केवल वे मरीज शामिल हो सकते हैं , जो गर्दन की चोट या एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) के कारण पैरलाइज हुए हैं।
- बता दें कि यह स्टडी मरीजों को अपने विचारों से कंप्यूटर कर्सर या कीबोर्ड को कंट्रोल करने देता है , जिससे इम्प्लांट की सुरक्षा और असर का सही से परीक्षण हो सकेंगा।
- हालांकि रिसर्चर्स को ऐसा करने के लिए ब्रेन को उस हिस्से में लगाने के लिए एक रोबोट का उपयोग करेंगे, जो गति को कंट्रोल करता है।
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कितने समय में पूरी होगी रिसर्च
- इस स्टडी को पूरा होने में लगभग छह साल का समय लगेगा । हालांकि अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस रिसर्च में कितने लोगों को हिस्सा लेंगे।
- कंपनी का कहना है कि उसका लक्ष्य है कि वह शुरूआत में कम से कम 10 मरीजों में चिप लगाने की परमिशन ले सकें।
कब शुरू हुई थी कंपनी
- बता दें कि एलन मस्क ने 2016 में न्यूरालिंक की शुरूआत की था, जो एक न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी है। मस्क की ये कंपनी इम्प्लांटेबल ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस विकसित करने पर आधारित है।
- बता दें कि न्यूरालिंक अभी भी विकास के शुरुआता स्तर पर है । कंपनी फिलहाल BCI पर काम कर रही है, जिसे इंसानों में इंप्लान्ट किया जा सकता है।
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