EU ने अमेरिका के साथ किया डेटा ट्रांसफर समझौता, लोगों के निजी डेटा पर रखी जाती थी नजर
यूरोपीय आयोग ने अमेरिका के साथ एक समझौते की घोषणा की है यह डेटा ट्रांसफर। इसके तहत पिछले दो समझौते को खारीज कर दिया और एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यूरोपीय आयोग ने चिंता जताई है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां यूरोपीय लोगों के निजी डेटा को एक्सेस कर सकती हैं। आइये जानते हैं नए समझौते में क्या बदलाव हुए है।
By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Tue, 11 Jul 2023 10:27 AM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। यूरोपीय आयोग ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ डेटा ट्रांसफर समझौते की घोषणा की है। यह समझौता यूरोप की उच्च अदालत द्वारा पिछले दो समझौतों को रद्द करने के बाद हुआ है।
इसमें बताया गया था कि कैसे हजारों कंपनियां यूरोपीय लोगों के व्यक्तिगत डेटा को अटलांटिक के पार ट्रांसफर करती हैं। यूरोप की उच्च अदालत ने पिछले दो सौदों को यह चिंता जताए जाने के बाद खारिज कर दिया था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां यूरोपीय लोगों के निजी डेटा को एक्सेस कर सकती हैं।
कंपनियां पर रखी जा रही है नजर
अमेरिकी सरकार द्वारा निवारण तंत्र के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में जो सुरक्षा उपाय किए गए हैं, वे यूएस में कंपनियों के लिए GDPR के तहत सभी डेटा ट्रांसफर पर लागू होते हैं, भले ही ट्रांसफर सिस्टम का उपयोग किया गया हो। इसलिए ये सुरक्षा उपाय अन्य उपकरणों जैसे- मानक संविदात्मक धाराएं और बाध्यकारी कॉर्पोरेट नियम के उपयोग की सुविधा भी देते हैं।कंपनियों के लिए क्या है सुझाव
अमेरिकी कंपनियां EU-U.S में शामिल हो सकेंगी और डेटा गोपनीयता फ्रेमवर्क गोपनीयता दायित्वों के एक विस्तृत सेट का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।यानी कि जब व्यक्तिगत डेटा उस उद्देश्य के लिए आवश्यक नहीं रह जाता है जिसके लिए इसे एकत्र किया गया था तो इसको हटाने की सलाह दी गई है। ऐसे तब किया जाता है, जब व्यक्तिगत डेटा तीसरे पक्ष के साथ साझा किया जाता है तो सुरक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करना अनिवार्य है।यूजर्स के लिए क्या इसका मतलब
अगर अमेरिकी कंपनियों द्वारा उनके डेटा को गलत तरीके से संभाला जाता है तो यूरोपीय संघ के व्यक्तियों को कई निवारण रास्तो से लाभ होगा। इसमें निःशुल्क स्वतंत्र विवाद समाधान मैकेनिज्म(Free of charge independent dispute resolution mechanisms ) और एक मध्यस्थता पैनल शामिल है।