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EU Replaceable Battery Law: रिप्लेसेबल बैटरी वाले स्मार्टफोन की फिर से होगी वापसी, नए कानून से बदल जाएगा सबकुछ

एक बार फिर से रिप्लेसेबल बैटरी वाले स्मार्टफोन मार्केट में एंट्री कर सकते हैं। यूरोपियन यूनियन के नए कानून के चलते यह संभव होगा। यह कानून साल 2027 से प्रभावी होगा जिसके मुताबिक रिचार्जेबल बैटरी वाले डिवाइस में आसानी से बदले जानी वाली बैटरी देना अनिवार्य होगा। यानी कंपनियों को फोन का डिजाइन ऐसा बनाना होगा जिसमें यूजर्स बिना किसी टूल के बैटरी रिप्लेस कर पाएं।

By Subhash GariyaEdited By: Subhash GariyaUpdated: Thu, 17 Aug 2023 12:49 AM (IST)
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यूरोपियन यूनियन के नए कानून के चलते फोन में रिप्लेसेबल बैटरी दिए जाने का दौर फिर से लौटने वाला है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। एक दौर था जब सभी एंड्रॉइड फोन में रिप्लेसेबल बैटरी (Replaceable Battery) फीचर काफी कॉमन हुआ करता था। स्मार्टफोन के डिजाइन और ट्रेंड में हुए बदलावों को चलते ग्लास बैक या मैटल बॉडी की वजह से कंपनियों के लिए फोन में रिप्लेसेबल बैटरी देना पहले जितना आसान नहीं है। लेकिन, यूरोपियन यूनियन (EU) के नए कानून के चलते फोन में रिप्लेसेबल बैटरी दिए जाने का दौर एक बार फिर से लौटने वाला है। इस कानून का असर न सिर्फ यूरोप बल्कि दुनियाभर में लॉन्च होने वाले स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप में देखने को मिलेगा।

क्या कहता है EU का कानून?

जून 2023 में EU ने एक कानून पर मोहर लगाई। इसके मुताबिक, सभी कंज्यूमर डिवाइस में आसानी से रिप्लेस होने वाली बैटरी देना जरूरी है। आसानी से रिप्लेसेबल का मतलब है कि यूजर को बैटरी बदलने के दौरान किसी तरह के टूल की जरूरत न पड़े।

  • यानी फोन कंपनियों अब बैक पैनल को चिपकाने के लिए किसी तरह के ऐडहीसिव (गोंद) का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इस कानून में साफ तौर पर कहा गया है कि बैटरी बदलने के लिए ग्राहक को किसी टूल या टूल सेट की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
  • आजकल मार्केट में सभी स्मार्टफोन ग्लास सैंडविच की तरह डिजाइन किए जाते हैं। इस डिजाइन के चलते ही कंपनियां स्लीक फोन लॉन्च कर पाती हैं। कंपनियां बैक और फ्रंट को जोड़ने के लिए ऐडहीसिव का इस्तेमाल करती हैं। ईयू के इस कानून के बाद फोन कंपनियों को नए डिजाइन की जरूरत होगी।

फोल्डेबल फोन के डिजाइन पर पड़ेगा असर

Apple, Samsung से लेकर Google जैसी स्मार्टफोन कंपनियों को इस कानून के चलते आने वाले दिनों में बड़ी दिक्कत हो सकती हैं। इस कानून से कंपनियों को फोल्डेबल फोन के डिजाइन में बदलाव करना होगा, जो काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

EU के इस कानून से स्मार्टफोन कंपनियों की परेशानी भले ही बढ़ेंगी लेकिन इतना तो साफ है कि वे यूरोपियन मार्केट के लिए अलग से स्मार्टफोन डिजाइन नहीं करने वाली हैं।

  • इस बात की संभवना काफी कम है कि कंपनियां एक ही मॉडल को अलग-अलग डिजाइन के साथ पेश करें, जिसमें एक रिप्लेसेबल बैटरी और दूसरे में सील बैटरी के साथ आए।
  • ईयू का यह कानून सिर्फ फोन नहीं बल्कि, टैबलेट, लैपटॉप और ईवी के साथ उन सभी डिवाइसेस पर लागू होगा, जिसमें रिचार्जेबल बैटरी दी जाएगी।

कब से मान्य होगा ये कानून

यूरोपियन यूनियन का यह कानून साल 2027 से लागू हो जाएगा। इस तरह देखा जाए तो कंपनियों के पास नए डिजाइन लेग्वेंज को डेवलप करने के लिए करीब तीन साल का वक्त है।

रिप्लेसेबल बैटरी फोन और चुनौतियां

सबसे बड़ी चुनौती Apple के लिए हैं, जिसने अब तक ऐसा कोई फोन लॉन्च नहीं किया, जिसमें रिप्लेसेबल बैटरी दी गई हो। Samsung ने साल 2014 से ही अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन में रिप्लेसेबल बैटरी देना बंद कर दिया था।

  • कई लोगों का कहना है कि ईयू के नए कानून से नए फोन वाटरप्रूफ और डस्टप्रूफ डिजाइन नहीं होंगे। सैमसंग ने रिप्लेसेबल बैटरी वाले S5 फोन को IP67 रेटिंग के साथ पेश किया था। इसके साथ ही Sony xb10 फोन IP68 रेटिंग के साथ लॉन्च हुआ था, जिसमें रिप्लेसेबल बैटरी थी।
  • इसके साथ ही कुछ का तर्क है कि रिमूवेबल बैटरी वाले फोन भारी और लेस प्रीमियम लुक के साथ आएंगे। लेकिन, LG G5 हम सभी को याद है, जो रिमूवेबल बैटरी के साथ आने वाला काफी स्लीक डिजाइन फोन था।

कानून का उद्देश्य

EU के इस कानून का उद्देश्य सिर्फ ग्राहक के अधिकारों की रक्षा नहीं है। बल्कि इसमें पर्यावरण को भी ध्यान में रखा गया है। आमतौर पर फोन में दी जाने वाली बैटरी का बैकअप कुछ सालों कम होने लगता है, जिसके चलते ग्राहको बैटरी बदलने के बजाय नया फोन खरीदते हैं। इस तरह हर साल करीब 50 मिलियन टन ई-वेस्ट उत्पन्न होता है। नए कानून के साथ ईयू बैटरी के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना चाहता है। इसके साथ ही वह बैटरी के लिए सर्कूलर इकोनॉमी तैयार करने पर काम कर रहा है।

यानी एक प्रोडक्ट के लाइफ साइकल में बैटरी में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल को जितना संभव हो उतना कम बर्बाद किया जाना चाहिए। इसके लिए ईयू ने रिप्लेसेबल बैटरी से जुड़े कानून में कुछ नियम भी बनाए हैं।

  • कंपनियों को 63 प्रतिशत पोर्टेबल बैटरियां कलेक्ट करने की जरूरत होगी, जो आमतौर पर लैंडफील में चली जाती हैं।
  • इसके साथ ही 2027 तक लीथयम बैटरियों के वेस्ट को 50 प्रतिशत तक लाना होगा। इसके साथ ही ईवी की बैटरियों में कुछ हिस्सा रिसाइकेबल सामग्री का होना चाहिए।
  • इसके साथ ही 2050 तक 16 प्रतिशत कोबाल्ट, 85 प्रतिशत लेड, 6 प्रतिशत लिथियम और 6 प्रतिशत निकल सभी बैटरियों में रिसाक्लिंग इफिसीएंसी का होना चाहिए।

संभव है कि अगले एक साल तक हमें फोन के डिजाइन में बदलाव देखने को न मिले, लेकिन इसके बाद सभी स्मार्टफोन कंपनियां नए कानून के मुताबिक फोन के डिजाइन में बदलाव करना शुरू कर देंगे। जैसा कि हमने पहले भी कहा कि कंपनियों के लिए यह संभव नहीं है कि वे यूरोप के लिए अलग और दूसरे देशों के लिए अलग-अलग फोन डिजाइन करें। ऐसे में अगले कुछ सालों में एक बार फिर से मार्केट में रिप्लेसेबल बैटरी फोन का दौर लौट सकता है।