Move to Jagran APP

Google Play Store पर मौजूदा रहेंगे रियल मनी गेम ऐप्स, AIGF ने बताई कंपनी की मनमानी

Google ने शुक्रवार को Play Store पर मौजूदा ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग के लिए ग्रेस पीरियड को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया जिसके बाद छोटी गेमिंग कंपनियों और स्टार्टअप ने इंटरनेट दिग्गज पर मनमानी और प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार में शामिल होने का आरोप लगाया। डिजिटल फैंटेसी स्पोर्ट्स (DFS) और रम्मी ऐप के लिए Playstore नीति के अगले अपडेट तक ग्रेस पीरियड जारी रहेगा।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Sat, 22 Jun 2024 12:38 PM (IST)
Hero Image
रियल मनी गेम ऐप्स को मिला एक्सटेंशन, गूगल ने क्यों लिया ये फैसला
पीटीआई नई दिल्ली। गूगल ने मौजूदा ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग लेकर एक बड़ी फैसला किया है, जिसका सीधा प्रभाव भारतीय स्टार्टअप्स को पड़ रहा है। इनकी चिंताओं को बढ़ाते हुए, Google ने Play Store पर मौजूदा रियल-मनी गेमिंग ऐप्स के लिए ग्रेस पीरियड को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया है।

यह फैसला डेली फैंटेसी स्पोर्ट्स (DFS) और रम्मी ऐप्स के लिए शुरुआती पायलट प्रोग्राम के सितंबर 2023 में समाप्त होने के काफी समय बाद आया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

क्यों दिया गया एक्सटेंशन

Google भारत जैसे केंद्रीय लाइसेंसिंग सिस्टम की कमी वाले देशों में रियल-मनी गेम्स के लिए एक ढांचा स्थापित करने में चुनौतियों का हवाला देता है। Google के प्रवक्ता बताते हैं कि हमें अपने यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने और डेवलपर्स के लिए उचित प्लेइंग ग्राउंड देने के लिए और समय चाहिए।

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने Google के फैसले की कड़ी आलोचना की, इसे 'मनमाना' और 'प्रतिस्पर्धी विरोधी' करार दिया। उनका तर्क है कि ऐप वितरण में Google का प्रभुत्व (AIGF के अनुसार 90% से अधिक) उन्हें अनुचित कंट्रोल देता है।

इससे उन्हें पायलट प्रोग्राम को सीमित करके स्थापित कंपनियों का पक्ष लेने की अनुमति मिलती है। उन्हें डर है कि इससे छोटे स्टार्टअप के लिए प्रतिस्पर्धा और नवाचार बाधित होगा।

यह भी पढ़ें - इन यूजर्स को नहीं मिलेंगे एपल के AI फीचर्स, इस वजह से कंपनी ने लिया फैसला

नियमन की मांग

AIGF ने ऐप बाजार में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक के जरिए सरकारी हस्तक्षेप की जरूरत पर ज़ोर दिया है।

यह इन-ऐप भुगतान प्रथाओं के संबंध में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा Google के विरुद्ध दिए गए पिछले अविश्वास प्रस्ताव की याद दिलाती है।

जबकि Google भविष्य में रियल मनी वाले खेलों के लिए एक व्यापक ढांचा विकसित करने का इरादा रखता है, मौजूदा विस्तार भारतीय गेमिंग कंपनियों के लिए असमान खेल का मैदान बनाता है। AIGF ने Google से अधिक समावेशी नीति अपनाने का आग्रह किया है और आगे की राह पर आगे के अपडेट का इंतजार कर रहा है।

यह भी पढ़ें - New Telecommunications Act: भारत में लागू हुआ नया दूरसंचार अधिनियम, 26 जून से होंगे बदलाव