नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक्नोलॉजी का विस्तार और विकास हमेशा से इंसान के काम को आसान बनाने में महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन वहीं नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही कामों से ज्यादा गलत कामों में होने लगे तो यह सभी के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बनना भी स्वभाविक है। इसी कड़ी में
एआई टेक्नोलॉजी को लेकर एक नया सर्वे सामने आया है, जो हर किसी चौंकने पर मजबूर कर सकता है।
ऑरिजनल और क्लोन आवाज में फर्क नहीं कर पाते लोग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गलत इस्तेमाल की यह रिपोर्ट मैक्कैफी नाम की एक फर्म द्वारा पेश की गई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आधी से ज्यादा भारतीय आबादी ऑरिजनल और क्लोन आवाज में फर्क नहीं कर पाती।
इनमें में 84 प्रतिशत लोगों को वॉयस स्कैम के जरिए ठगा जा चुका है। हैरानी वाली बात तो ये कि इस वॉयस स्कैम में ठगों ने
एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। सर्वे में 7 देशों को शामिल किया गया, जिनमें 7054 लोगों की राय ली गई। इन लोगों में 1010 भारतीय शामिल थे। ये लोग वॉयस स्कैम के जरिए ठगी का शिकार हुए थे।
केवल तीन सेकंड का काम और फिर ठग की राह आसान
इस रिपोर्ट के मुताबिक
एआई का इस्तेमाल भी ठगों के लिए बेहद आसान रहा। यह टेक्नोलॉजी एक खास तरह से ठग का काम आसान कर रही थी। किसी भी शख्स के मात्र 3 सेकंड के ऑडियो से एआई फेक वॉइस जेनेरेट कर पा रही थी। एआई से जेनेरेट की गई आवाज हू-ब-हू किसी शख्स की आवाज जैसे लगती है।
हजारों का नुकसान होने का कारण बनी एआई टेक्नोलॉजी
फेक वॉइस स्कैम का शिकार बने 83 प्रतिशत लोगों ने स्वीकारा कि उन्हें पैसों का नुकसान भी हुआ। वहीं 48 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे इस स्कैम में फंस कर अपना 50 हजार रुपये तक का नुकसान करवा बैठे। यानी यह सिर्फ फेक वॉइस का मात्र धोखा ही नहीं रहा, बल्कि एआई यूजर से मोटी रकम ऐंठने में भी कामियाब रही।
दोस्त या परिवार का सदस्य बन ऐठें पैसे
रिपोर्ट में सामने आया है कि एआई के जरिए ठग ने अपने शिकार के किसी परिचित शख्स की ही फेक आवाजें जेनेरेट कीं।
ठगी का शिकार हुऐ लोगों ने माना कि वे क्लोन आवाज में फर्क न कर पाए और अपने दोस्त या रिश्तेदारों की आवाज पर अपना पैसा लुटा बैठे।
ठगों से रहे सावधान
देश में नई टेक्नोलॉजी को इसकी खूबियों की वजह से ही एक बड़े लेवल पर इस्तेमाल में लाया जा रहा है। टेक्नोलॉजी नई है इसलिए इसके लिए अभी किसी तरह के नियम- कानून नहीं तय किए गए हैं। कॉलिंग फ्रॉड से यूजर को बचाने के लिए सरकार भी अपने लेवल पर हर संभव कोशिश कर रही है। हालांकि, हर यूजर द्वारा कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इस तरह के फ्रॉड से बचा जा सकता है।
किन बातों का रखना होगा ध्यान
फेक वॉइस स्कैम में आवाज एक मेन फैक्टर होता है। किसी भी अनजान नंबर से आई कॉल के प्रति सचेत रहें। अनजान नंबर से कॉल आ रही है तो एक बार में कॉल रिसीव न करें। जरूरी लगे तो कॉलर की डिटेल कॉलिंग ऐप के जरिए निकालने की कोशिश करें।
किसी अपने की आवाज में पैसों की मदद मांगी जा रही है तो पहले सारी जानकारियां अपनी ओर से इकट्ठा कर लें। मदद के लिए दोस्त कॉल कर किसी लिंक को भेजने की बात करता है तो तुरंत लिंक पर विजिट करने से बचें। क्लाोन और ऑरिजनल वॉइस को ध्यान से सुनेंगे तो फर्क कर सकते हैं।जल्दबाजी या भीड़ भरी जगह में ऐसी आवाज को ठीक से नहीं सुना जा सकता है। इसलिए शांति से सुनें कि फोन पर कौन-क्या बोल रहा है।