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5G वाला स्वतंत्रता दिवस मना रहे हम, पीएम बोले - सबसे तेज 5G रोलआउट के साथ 6G लॉन्च की तैयारियां शुरू

First Independence Day with 5G भारत के टेलीकॉम क्षेत्र में इस साल 5G नेटवर्क एक बड़ी क्रांति के रूप में उभरा है। इस बार देश 5G के साथ अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। भारत में 5G नेटवर्क का दायरा अब 3 लाख से ज्यादा जगहों तक पहुंच गया है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 5G रोलआउट को लेकर जिक्र किया।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 09:23 AM (IST)
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इस साल देश मना रहा 5G वाला स्वतंत्रता दिवस

नई दिल्ली, टेक डेस्क। First Independence Day with 5G network: आज भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस बार का स्वतंत्रता दिवस देश के टेलीकॉम क्षेत्र के लिए खास है। भारत में टेलीकॉम क्षेत्र में 5G नेटवर्क एक बड़ी क्रांति के रूप में उभरा है। देश 5G के साथ अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।

भारत में हुआ सबसे तेज 5G रोलआउट : पीएम मोदी

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने  5G रोलआउट का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा देश आगे बढ़ रहा है।

— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 15, 2023

कोरोना के बाद से ही विश्व भर के देशों का विकास धीमा रहा, वहीं भारत ने 5G रोलआउट में नए आयाम स्थापित किए। देश में 5G रोलआउट इतना तेज रहा है कि हम अब 6G रोलआउट के बारे में सोच सकते हैं।

इस आर्टिकल में 5G नेटवर्क के रोलआउट की शुरुआत से लेकर अब तक के सफर पर बात करने जा रहे हैं।

इस लेख में क्या है खास

  • 5G नेटवर्क का देश में कितनी तेजी से हो रहा है विकास
  • विश्वपटल पर 5G नेटवर्क के साथ कैसे लहरा रहा भारत का ध्वज
  • 5G के साथ विकास के पथ पर कैसे अग्रसर होगा भारत

5G नेटवर्क का तेजी से हो रहा विस्तार

भारत में 5G नेटवर्क का दायरा अब 3 लाख से ज्यादा जगहों तक पहुंच गया है। भारत के लिए यह आंकड़ा एक बड़ी उपलब्धि के रूप में खास माना जा सकता है।

देश में 5G सेवा के विस्तार का यह आंकड़ा मात्र 10 महीनों का है। हाल ही में केंद्रीय टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि 5G सेवा का विस्तार भारत के 714 जिलों तक हो चुका है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक

  • लॉन्चिंग के पहले 5 महीनों में 1 लाख साइट्स तक 5G नेटवर्क पहुंच गया था।
  • 8 महीनों में 2 लाख साइट्स तक 5G नेटवर्क की पहुंच बढ़ी।
  • 10 महीने बाद, 1 अगस्त तक 3 लाख साइट्स तक 5G नेटवर्क पहुंच चुका है।

मालूम हो कि भारत में पिछले साल 1 अक्टूबर को पीएम मोदी ने 5G सर्विस लॉन्च की थी। वर्तमान में देश की दो टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो और एयरटेल भारत के कोने-कोने तक 5G सर्विस को पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

5G सर्विस रोलआउट होने के मजह 200 दिनों के भीतर 600 जिलों में फास्टेस्ट इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो चुकी थी। उस दौरान, केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवूसिंह चौहान ने अपने एक बयान में भारत में 5G रोलआउट को विश्व का सबसे तेज रोलआउट बताया था।

रिलायंस जियो ने हासिल की एक बड़ी उपलब्धि

नए साल के शुरुआती महीने में रिलायंस जियो ने भी 5G लॉन्च के मामले में एक नया रिकॉर्ड बनाया था। रिलायंस जियो ने इस साल जनवरी में जानकारी दी कि कंपनी ने 100 दिनों में 101 शहरों में ट्रू 5G लॉन्च कर दिखाया है। रिलायंस जियो ने 5G रोलआउट की शुरुआत देश के बड़े शहरों से की-

5G रोलआउट के पहले 100 दिनों में चार महानगरों को मिली टेक्नोलॉजी

  • दिल्ली
  • मुंबई
  • चेन्नई
  • कोलकत्ता

पहले 100 दिनों में देश के धार्मिक स्थलों तक भी पहुंचाया जियो ने 5G नेटवर्क

  • नाथद्वारा
  • महाकाल मंदिर
  • कामाख्या मंदिर
  • गुरुवायुर
  • तिरुपति

विश्वपटल पर 5G नेटवर्क के साथ लहरा रहा भारत का ध्वज

भारत में 5G नेटवर्क का विस्तार इतना तेज रहा है कि विश्व के दूसरे देशों के लिए भारत की यह उपलब्धि एक बड़ा उदाहरण बनी है। 5G नेटवर्क के साथ भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

5G के साथ विकास पथ पर कैसे अग्रसर होगा भारत

बजट 2023 से पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। इस साल पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में भी भारत के विकास में 5G नेटवर्क की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया।

5G सेवाओं की शुरुआत को नए आर्थिक अवसर खुलने की कड़ी में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

  • 5जी सेवा से स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा इनोवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  • 'डिजिटल इंडिया' के मिशन को आगे ले जाने में भी 5जी सेवा की भूमिका अहम मानी जा रही है।
  • 5जी नेटवर्क यूजर्स को सुपर फास्ट स्पीड के साथ कम देरी (low latency) के जरिए प्रभावित कर रही है।
  • साल दर साल इंटरनेट ग्राहकों में ग्रामीणों की संख्या बढ़ रही है।
  • 5जी नेटवर्क के साथ शिक्षा, स्मार्ट कृषि, स्वास्थ्य और श्रमिक सुरक्षा का विकास होगा।