Move to Jagran APP

Flipkart ने मनमाने तरीके से रद्द किया iPhone का ऑर्डर, अब चुकाना होगा हर्जाना

DCDRC मुंबई ने पिछले महीने पारित आदेश में कहा कि अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए जानबूझकर ऑर्डर को रद्द किया गया था। विस्तृत आदेश रविवार को उपलब्ध कराया गया। आयोग ने कहा कि हालांकि ग्राहक को रिफंड मिल गया था लेकिन आर्डर को मनमाने तरीके से रद्द करने के कारण ग्राहक को हुई मानसिक पीड़ा के लिए उसे मुआवजा मिलना चाहिए।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Sun, 17 Mar 2024 08:47 PM (IST)
Hero Image
Flipkart ने मनमाने तरीके से रद्द किया iPhone का आर्डर
पीटीआई, नई दिल्ली। iPhone का आर्डर मनमाने तरीके से रद्द करना Flipkart को महंगा पड़ा है। एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने फ्लिपकार्ट को अनुचित व्यापार प्रथाओं का दोषी पाया है। आयोग ने आदेश दिया कि फ्लिपकार्ट उस ग्राहक को 10,000 रुपये का भुगतान करे जिसके आइफोन के आर्डर को रद्द किया गया था।

ग्राहक को मिलेगा मुआवजा

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) मुंबई ने पिछले महीने पारित आदेश में कहा कि अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए जानबूझकर आर्डर को रद्द किया गया था। विस्तृत आदेश रविवार को उपलब्ध कराया गया। आयोग ने कहा कि हालांकि ग्राहक को रिफंड मिल गया था, लेकिन ऑर्डर को मनमाने तरीके से रद्द करने के कारण ग्राहक को हुई मानसिक पीड़ा के लिए उसे मुआवजा मिलना चाहिए।

क्रेडिट कार्ड से 39,628 रुपये का किया भुगतान

दादर निवासी शिकायतकर्ता के अनुसार उसने 10 जुलाई 2022 को Flipkart से iPhone आर्डर किया और क्रेडिट कार्ड से 39,628 रुपये का भुगतान किया। फोन को 12 जुलाई को पहुंचाया जाना था, लेकिन छह दिन बाद ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट से आर्डर रद्द किए जाने का SMS मिला। संपर्क करने पर कंपनी ने बताया कि डिलीवरी ब्वाय ने फोन पहुंचाने के कई प्रयास किए थे लेकिन शिकायतकर्ता अनुपलब्ध था इसलिए आर्डर रद्द कर दिया गया।

शिकायतकर्ता ने कहा कि आर्डर रद्द होने से उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ। फ्लिपकार्ट ने अपने लिखित जवाब में कहा कि शिकायतकर्ता ने उसे उत्पाद का विक्रेता माना। जबकि वह केवल मध्यस्थ के रूप में ऑनलाइन प्लेटफार्म के रूप में काम करती है। प्लेटफार्म पर सभी उत्पाद थर्ड पार्टी विक्रेताओं द्वारा बेचे और आपूर्ति किए जाते हैं। इस मामले में विक्रेता इंटरनेशनल वैल्यू रिटेल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी थी।

शिकायतकर्ता और विक्रेता के बीच हुए पूरे लेनदेन में फ्लिपकार्ट की कोई भूमिका नहीं थी। फ्लिपकार्ट ने दावा किया कि उसने विक्रेता को शिकायतकर्ता की शिकायत के बारे में सूचित किया था। विक्रेता ने कहा कि डिलीवरी ब्वाय ने पते पर फोन पहुंचाने के कई प्रयास किए थे लेकिन शिकायतकर्ता अनुपलब्ध था इसलिए ऑर्डर रद्द कर दिया गया था। पैसा रिफंड कर दिया गया है।

फ्लिपकार्ट ने स्वीकारा ऑर्डर हुआ था रद्द

हालांकि आयोग ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा आर्डर को एकतरफा तरीके से रद कर दिया गया था। फ्लिपकार्ट ने अपने या विक्रेता द्वारा फोन पहुंचाने के कई प्रयासों के बारे में किए गए दावे को लेकर कोई साक्ष्य नहीं दिए। आयोग ने कहा कि फ्लिपकार्ट ने स्वीकारा है कि आर्डर रद्द कर दिया गया था और शिकायतकर्ता को नया आर्डर देने के लिए कहा गया था।

अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए किया ऐसा

आरोप है कि iPhone की लागत लगभग 7,000 रुपये बढ़ गई थी और इसलिए ऑर्डर रद्द कर दिया गया था और नया ऑर्डर देने के लिए कहा गया था। आयोग ने बताया कि फ्लिपकार्ट ने अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया था, जो अनुचित और प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं के बराबर है। आयोग ने Flipkart को शिकायतकर्ता को हुए मानसिक उत्पीड़न के मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया।

ये भी पढ़ें- Deadbots: मरे हुए इंसानों के वजूद को जिंदा रख रहा AI Ghost, जीते जी बना रहा पागल