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Foldable Phone: क्या होते हैं फोल्डेबल स्मार्टफोन और किस तकनीक पर करते हैं काम, जानें इनके फायदे और नुकसान

What is Foldable Phone and its working Oppo Samsung हाल ही में OPPO ने अपने फोल्डेबल फोन को लॉ़न्च किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोल्डेबल फोन क्या है और इसकी तकनीकी कैसे काम करती है? आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं। (जागरण फोटो)

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Fri, 17 Feb 2023 09:06 PM (IST)
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What is Foldable Phone: Know the details explanation of foldable phone

नई दिल्ली, टेक डेस्क। स्मार्टफोन का मार्केट बहुत बड़ा है और दिन पर दिन यह बढ़ता जा रहा है। इसकी विकास की एक कड़ी फोल्डेबल स्मार्टफोन भी हैं। ये फोल्डेबल डिस्प्ले लेटेस्ट और सबसे नई स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी में से एक है। पिछले कुछ सालों में यह डिवाइस कुछ ज्यादा ही चर्चा में आए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये डिवाइस कैसे काम करते हैं? परेशान न हो, आज हम आपको बताएंगे कि ये फोल्डेबल कैसे काम करते हैं और इसकी क्या खासियत है।

क्या है फोल्डेबल फोन?

सीधे शब्दों में कहे तो फोल्डेबल फोन वो फोन है, जिन्हें आप आसानी से फोल्ड कर सकते हैं। ये फोन दो स्क्रीन का ऑप्शन देता है। 2018 में लॉन्च किया गया रॉयोल फ्लेक्सपाई दुनिया का पहला फोल्डेबल स्मार्टफोन था। इसके बाद , सैमसंग, मोटोरोला और हुआवे जैसे अन्य ब्रांड्स ने अपने फोल्डेबल मॉडल में पेश किए थे। अब सवाल उठता है कि फोल्डेबल स्मार्टफोन डिस्प्ले टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है, तो आइये इसके बारे में जानते हैं।

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कैसे काम करता है फोल्डेबल स्मार्टफोन डिस्प्ले?

फोल्डेबल स्मार्टफोन डिस्प्ले आमतौर पर ग्लास से बने होते हैं, जो यूनिक और फ्लेक्सिबल होते हैं। इन फ्लेक्सिबल डिस्प्ले को काम करने के लिए बैकलाइट की जरूरत नहीं होती है। इसलिए इन डिस्प्ले को इतना पतला बनाया जा सकता है कि वे लचीले हो जाते हैं।

Apple और Samsung जैसे टेक दिग्गज लंबे समय से इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन पहले इस तकनीक का उपयोग केवल डिवाइस के घुमावदार किनारे बनाने के लिए किया जाता था। हालांकि यह तकनीक अब बहुत विकसित हो गई है और ऐसी स्क्रीन बनाने मे इस्तेमाल की जा रही है, जो फोल्डेबल फोनमें इस्तेमाल की जा सकती है।

इस एलीमेंट से बनते हैं फोल्डेबल डिस्प्ले

बता दें कि पहली पीढ़ी के सभी फोल्डेबल स्क्रीन प्लास्टिक पॉलिमर से बने थे, क्योंकि ग्लास बहुत कठोर होता है और जब यह मुड़ा हुआ होता है तो यह फट जाता है। निर्माता शुरू में पॉलिमर का इस्तेमाल करते थे क्योंकि यह हल्का और लचीला होता है। लेकिन बाद में इस एलीमेंट को खारिज कर दिया गया क्योंकि यह कांच से बने डिस्प्ले की तुलना में खरोंच और निशान के प्रति अधिक संवेदनशील थे।

2020 में हुआ बदलाव

सैमसंग ने 2020 में गैलेक्सी जेड फ्लिप जारी किया और इसमें पॉलीमर स्क्रीन के बजाय अल्ट्रा-थिन ग्लास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि सैमसंग गैलेक्सी Z फ्लिप में टॉप पर एक सॉफ्ट प्लास्टिक की परत है, लेकिन डिस्प्ले का मुख्य एलीमेंट ग्लास है।

फोल्डेबल स्मार्टफोन डिस्प्ले के फायदे

बड़े डिस्प्ले की पोर्टेबिलिटी: स्मार्टफोन यूजर्स अब अपने डिवाइस का उपयोग उन कामों को करने के लिए कर सकते हैं, जो पहले केवल कंप्यूटर के साथ ही संभव थे। पहले यूजर्स को बड़ा डिस्प्ले लेने के लिए बड़ा डिवाइस खरीदना पड़ता था। लेकिन फोल्डेबल स्क्रीन तकनीक के साथ, यूजर अब अपने डिवाइस की पोर्टेबिलिटी को छोड़े बिना बड़ी स्क्रीन पा सकते हैं।

मल्टीटास्किंग में आसानी: फोल्डेबल स्मार्टफोन मल्टीटास्किंग को एक नए स्तर पर ले जा सकते हैं क्योंकि ये डिवाइस यूजर्स को एक साथ तीन स्क्रीन चलाने देते हैं। इन उपकरणों का बड़ा स्क्रीन आकार यह भी सुनिश्चित करता है कि आप को ऑन-स्क्रीन जानकारी देखने में परेशानी नहीं हो।

बेहतर इमेज क्वालिटी: फोल्डेबल स्मार्टफोन डिस्प्ले OLED स्क्रीन के तर्ज पर बनाए गए हैं, जो आज उपलब्ध अधिकांश स्मार्टफोन की तुलना में उनकी इमेज क्वालिटी को बेहतर बनाता है। समान आकार की LCD स्क्रीन वाले डिवाइस की तुलना में इन फोन्स के ओएलईडी डिस्प्ले हाई ब्राइटनेस, बेहतर कंट्रास्ट, तेज रिफ्रेश रेट और कम पॉवर की खपत करते हैं।

स्क्रीन प्रोटेक्शन: बाजार में उपलब्ध ज्यादातर फोल्डेबल फोन अंदर की तरफ फोल्ड हो जाते हैं जो फोल्ड होने पर स्क्रीन को कवर रखता है।

फोल्डेबल स्मार्टफोन डिस्प्ले के नुकसान

ये डिवाइस अन्य स्मार्टफोन की तुलना में महंगे होते हैं। उदाहरण के लिए सैमसंग गैलेक्सी फोल्ड को लगभग 1,50,000 रुपये की कीमत पर लॉन्च किया गया था, जबकि समान स्पेसिफिकेशन वाले पारंपरिक स्मार्टफोन इसकी आधी कीमत पर उपलब्ध हैं।

इसके अलावा फोल्डेबल डिस्प्ले के बार-बार फोल्ड होने और खुलने से ये जल्दी खराब हो जाते हैं। स्मार्टफोन यूजर्स ऐसे डिवाइस का विकल्प चुनते हैं जो अधिक पोर्टेबल हों और ये फोन मोटे और भारी होते हैं। इसलिए इन्हें संभालना आसान नहीं होता हैं।

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