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Godfather of AI जेफ्री हिंटन एआई को लेकर परेशान, इंसानों के खात्मे की वजह बन सकती है नई टेक्नोलॉजी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉड फादर कहलाए जाने वाले Geoffrey Hinton ने एक बार फिर एआई को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।वे कहते हैं कि वे एआई को लेकर परेशान हैं क्योंकि यह नई टेक्नोलॉजी बहुत सी नौकरियों को छीनने का काम कर रहा है। वे कहते हैं कि आय असमानता (income inequality) को लेकर एआई के प्रभावों से निपटने की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर होगी।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Mon, 20 May 2024 10:51 AM (IST)
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Godfather of AI Geoffrey Hinton एआई को लेकर परेशान
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉड फादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने एक बार फिर एआई को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।

वे कहते हैं कि वे एआई को लेकर परेशान हैं क्योंकि, यह नई टेक्नोलॉजी बहुत सी नौकरियों को छीनने का काम कर रहा है।

वे कहते हैं कि आय असमानता (income inequality) को लेकर एआई के प्रभावों से निपटने की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर होगी।

एआई की मदद से अमीर होंगे और ज्यादा अमीर

मालूम हो कि, हिंटन (Geoffrey Hinton) बीते साल गूगल यूनिट में काम कर रहे थे। वे एआई को लेकर अपने बयान को लेकर चर्चा में आए थे।

हिंटन ने कहा था कि एआई के साथ प्रोडक्टिविटी और पैसा बढ़ेगा, लेकिन यह पैसा अमीर लोगों के पास जाएगा। इसके साथ ही एआई की वजह से लोगों की नौकरियां खत्म हो जाएंगी और यह समाज के लिए बहुत बुरा साबित होगा।

सभी को मिले एक तय सैलरी

हिंटन ने एआई को लेकर कहा है कि सरकारों को एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम सेट करनी चाहिए। यानी सरकार हर व्यक्ति को बिना उनके संसाधनों की परवाह किए एक सेट बेसिक सैलरी दे।

BBC से बातचीत के दौरान हिंटन कहते हैं कि डाउनिंग स्ट्रीट में लोगों ने मुझसे सलाह ली और मैंने उन्हें सलाह दी कि यूनिवर्सल बेसिक इनकम एक अच्छा विचार है।

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इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान होंगे चैटबॉट

इससे पहले हिंटन ने कहा था कि एआई चैटबॉट के खतरे भी डरावने हैं। उनके मुताबिक, चैटबॉट आने वाले समय में इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान साबित होंगे। इतना ही नहीं, इन चैटबॉट का इस्तेमाल गलत कामों में किए जाने की आशंका है।

इंसानों के गायब हो जाने का है खतरा

वे कहते हैं कि मेरा अनुमान है कि अब से 5 से 20 वर्षों के बीच इस बात की आधी संभावना है कि हमें एआई की समस्या का सामना करना पड़ेगा।

हिंटन के मुताबिक, नई टेक्नोलॉजी मनुष्यों के लिए "विलुप्त होने का खतरा" पैदा कर सकता है, क्योंकि उन्होंने "बुद्धिमत्ता का एक ऐसा रूप तैयार कर लिया है जो जैविक बुद्धि से कहीं बेहतर है। यह हमारे लिए बहुत चिंताजनक है"।