Gmail के इस नए फीचर से साइबर अटैक का खतरा, आप भी फंस सकते हैं जाल में
Gmail यूजर्स को नए फीचर्स की वजह से साइबर अटैक जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है
By Harshit HarshEdited By: Updated: Wed, 25 Jul 2018 11:10 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। Gmail यूजर्स को एक नए फीचर की वजह से साइबर अटैक या फिसिंग स्कैम जैसी घटना का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए यूके की एक सिक्योरिटी फर्म ने गूगल को सूचित किया है। गूगल ने अप्रैल में घोषणा करते हुए बताया कि गूगल मेल के लिए एक नया सुरक्षित इंटरफेस डिजाइन किया जा रहा है जिसमें कई नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं। इस नए फीचर में जीमेल मैसेज को स्नूज किया जा सकता है, साथ ही ऑटो जनरेटेड स्मार्ट रिप्लाई किया जा सकता है। इसके अलावा नये कॉन्फिडेंशियल मोड के जरिए ई-मेल को सेल्फ डिस्ट्रक्ट किया जा सकता है।
कॉन्फिडेंशियल मोड की वजह से हो सकती है परेशानीयूके की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कॉन्फिडेंशियल मोड की वजह से जीमेल यूजर्स को इसकी सुरक्षा का खतरा बना रहता है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने एक अलर्ट जारी करके कहा कि जीमेल के नए इंटरफेस से अकाउंट की सुरक्षा का खतरा बना हुआ है। होमलैंड सिक्योरिटी के एक प्रवक्ता लेसले फुलोप ने कहा कि हमे इसके लिए गूगल को सूचित किया है और साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बताया है। साइबर सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा नया कॉन्फिडेंशियल ई-मेल फीचर है, जिसमें यूजर्स को एक लिंक पर क्लिक करके इन मैसेज को एक्सेस करना होता है।
कॉन्फिडेंशियल मेल इस तरह दिखाई देगाअगर आप गूगल यूजर हैं और गूगल मेल के ऑफिशियल वेबसाइट को ओपन करते हैं तो कॉन्फिडेंशियल ई-मेल का लिंक दिखाई देता है। इसमें आपको मेल की एक्सपायरी डेट दिखाई देती है और साथ ही यह भी सूचित करती है कि इस मेल को आप फारवर्ड नहीं कर सकते हैं और न ही इसे डाउनलोड कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप किसी थर्ड पार्टी क्लायंट या नॉन-जीमेल यूजर हैं की तरह कॉन्फिडेंशियल मेल देख रहे हैं तो आपको यह अलग तरह से दिखाई देगा। इस केस में यूजर्स को मेल ब्राउजर में ओपन करना पड़ता है, यहीं से सुरक्षा का खतरा बना रहता है।
गूगल ने दी सफाईइसपर गूगल के प्रवक्ता ब्रूक्स होकोग ने कहा कि गूगल ने यूजर्स की सुरक्षा के लिए मशीन लर्निंग का सहारा लेते हुए एल्गोरिदम तैयार किया है, जो पोटेंशियल फिसिंग स्कैम वाले मेल को अलग कर देता है। फिसिंग स्कैम में क्रिमिनल्स या साइबर अपराधी अपने जाल में फंसाकर यूजर को किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए मजबूर कर देते हैं और यूजर्स की महत्वपूर्ण और निजी जानकारी को चुरा लेते हैं।
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