UIDAI विवाद: गूगल ने मानी अपनी गलती, जानिए लोगों के फोन में जबरन नंबर सेव होने का पूरा सच
UIDAI का नंबर एंड्रॉइड यूजर्स के कॉन्टेक्ट लिस्ट में अपने आप सेव हो जाने के बाद से लोगों ने प्राधिकरण को ट्विटर पर ट्रोल किया, जिसके बाद प्राधिकरण को सफाई देनी पड़ी
By Harshit HarshEdited By: Updated: Mon, 06 Aug 2018 08:46 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। UIDAI के नाम से एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर कई एंड्रॉइड यूजर्स के फोन में अपने आप सेव हो गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ट्विट करके यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण) की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करके ट्रोल करने लगे। ट्विटर पर विवाद बढ़ता देखकर आधार प्राधिकरण को ट्विट करके सफाई तक देनी पड़ी। जबकि, एक फ्रैंच एक्सपर्ट ने भी आधार कार्ड के डाटा बेस की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए यूआईडीएआई को कटघरे में ले लिया।
गूगल की गलती से पहुंचा नंबर
अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है, एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी गूगल ने इसके लिए जिम्मेवारी ले ली है। गूगल ने बताया की उसकी गलती की वजह से एंड्रॉइड यूजर्स के स्मार्टफोन्स में यह टोल फ्री नंबर सेव हो गया है। विवाद के बाद यूआई़डीएआई ने भी सफाई देते हुए कहा कि प्राधिकरण ने किसी दूरसंचार प्रदाता कंपनी या फिर फोन निर्माता को अपना टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पहले से डालने के लिए नहीं कहा है। प्राधिकरण ने ट्विट करके यह भी बताया था कि फोन में UIDAI के नाम से सेव हुआ नंबर 1800-300-1947 पुराना है और वैध नहीं है। आपको बता दें कि यूआईडीएआई का वर्तमान टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर केवल 1947 है।
दरअसल, शुक्रवार को एक यूजर के फोन में UIDAI के नाम से एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 दिखाई दिया, जिसे उसने सेव नहीं किया था। इसके बाद इस यूजर ने इसका स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया ट्विटर पर डाल दिया। जिसके बाद कई और यूजर्स ने भी अपना फोन चेक किया, नंबर दिखने के बाद कई यूजर्स ने यूआईडीएआई को ट्रोल करते हुए कई पोस्ट किए। मगर लोगों की आलोचनाओं के बीच UIDAI ने शुक्रवार को कहा कि एंड्रॉइड फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में पहले से उपलब्ध नंबर 1800-300-1947 नंबर गलत है। UIDAI ने बयान जारी कर कहा है कि उसने किसी भी फोन ऑपरेटर या निर्माता को ऐसी इजाजत नहीं दी है।
UIDAI की नहीं है कोई भूमिका
बाद में गूगल ने अपनी गलती कबूलते हुए कहा कि इस विवाद में यूआईडीएआई की कोई भूमिका नहीं है। लोगों के फोन में यह नंबर गूगल की गलती की वजह से सेव हो गया है। गूगल ने सफाई देते हुए कहा कि, एंड्रॉइड के पुराने स्मार्टफोन्स में यह नंबर सेट किया गया था जो बाद में गूगल ने नए एंड्रॉइड वर्जन्स में भी ट्रांसफर के जरिए पहुंच गया है। आपको बता दें कि 2014 में यूआईडीएआई की एक प्रेस विज्ञप्ति में यह टोल-फ्री नंबर 1800-300-1947 दर्ज है। यह नंबर पहले काम करता था, जिसे बाद में यूआईडीएआई ने बंद कर दिया। यही कारण है कि इस नंबर पर कॉल करने के बाद लोगों को कोई जबाब नहीं मिल रहा है।
सॉफ्टवेयर इश्यू की वजह से हुआ ट्रांसफर
गूगल ने यूआईडीएआई विवाद पर अपनी गलती कबूलते हुए कहा कि लोगों के फोन में जो नंबर सेव हो रखे हैं, उसमें भारत या भारत के किसी अथॉरिटी का कोई लेना देना नहीं है। यह एक सॉफ्टवेयर इश्यू की वजह से है। गूगल ने कहा कि इस नंबर को साल 2014 में स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप वाले प्रोग्राम में डाला गया था। गूगल ने आगे कहा कि, कुछ हफ्तों में इस नंबर को लोगों के फोन से हटा लिया जाएगा और आगे भी किसी एंड्रॉइड स्मार्टफोन में यह नबर ट्रांसफर होकर सेव न हो इसका ध्यान रखा जाएगा।
यूजर्स कर सकते हैं नंबर डिलीट
गूगल ने टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि इस नंबर को यूजर्स चाहें तो डिलीट कर सकते हैं। नंबर सेव होने से यूजर्स के डाटा सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। आपको बता दें कि गूगल अपने एंड्रॉइड डिवाइस में आपातकाल के लिए भी एक टोल-फ्री नंबर 112 डिफॉल्ट करके सेव करता है। इस तरह ही टेलिकॉम कंपनियां भी अपने कुछ टोल-फ्री नंबर यूजर्स को सिम के साथ डिफॉल्ट सेव करती है। इस तरह के नंबर से यूजर्स को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।