Universal Translator: भाषाओं की बाधा को दूर करेगा गूगल, लेकिन इन खतरों से नहीं कर सकते इनकार
Google Universal Translator गूगल ने ट्रांसलेशन की एक नई सुविधा पेश की है। ट्रांसलेशन की इस सुविधा के साथ गूगल का दावा है वीडियो कंटेंट को 300 से ज्यादा भाषाओं में आसानी से ट्रांसलेट किया जा सकेगा। (फोटो- जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक कंपनी गूगल ने हाल ही में अपने एनुअल कॉन्फ्रेंस इवेंट (Google I/O conference) में "Universal Translator" को पेश किया। ट्रांसलेशन की इस सुविधा के साथ कंपनी का दावा है वीडियो कंटेंट को 300 से ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट किया सकता है।
यह सिस्टम स्पीकर के लिप्स से मैच करते हुए वर्ड्स को ट्रांसलेट करने की खूबी के साथ लाई गई है। गूगल की एआई टेक्नोलॉजी को लेकर सफलता के बाद से ही माना जा रहा कि यूजर को बहुत से कामों में अब एआई टेक्नोलॉजी ही मदद करती नजर आएगी।
क्या है Universal Translator
सबसे पहले यही समझते हैं कि Universal Translator आखिर है क्या? दरअसल यूनिवर्सल ट्रांसलेटेर एआई टेक्नोलॉजी और मशीन लर्निंग को लेकर एक नया एक्सपीरिमेंट माना जा सकता है। गूगल के एल्गोरिथम और एक्सटेन्सिव लैंग्वेज डेटा के साथ यह सिस्टम किसी वीडियो में ऑडियो और विजुअल्स को समझ कर उन पर काम कर सकता है।
सिस्टम की खूबी है कि किसी वीडियो में ऑडियो और विजुअल्स को समझने के बाद यह रियल टाइम ट्रांसलेशन कर सकता है। इतना ही नहीं, यह सिस्टम न सिर्फ शब्दों के सही उच्चारण का ध्यान रखता है, बल्कि स्पीकर के माउथ-मूवमेंट को नोटिस कर लैंग्वेज को मैच करने का काम भी करता है। गूगल का दावा है कि इस सिस्टम के साथ नेचुरल ट्रांसलेशन एक्सपीरियंस को लिया जाना मुमकिन है।
Universal Translator भाषाओं की सीमा को करेगा दूर
इस तरह की ट्रांसफोर्मेटिव टेक्नोलॉजी का एरिया बहुत बड़ा है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से एंटरटेनमेंट और ग्लोबल कम्युनिकेशन के नए रास्ते खुल रहे हैं।
दुनिया भर में अलग-अलग सेक्टर के लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने की जरूरत पड़ती है। ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर बिजनेस मीटिंग से लेकर एजुकेशनल लेक्चर्स तक भाषा एक बाधा रही है। ऐसे में गूगल के इस सिस्टम की मदद से भाषा के इस बाधा को दूर किया जा सकता है।
सुविधा के साथ खतरे भी
हालांकि यह सुविधा एआई टेक्नोलॉजी से जुड़ी है ऐसे में इस टेक्नोलॉजी के संभावित खतरों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यूनिवर्सल ट्रांसलेटर यूजर्स के लिए एक सुविधा तो है इसके साथ ही अर्थ के अनर्थ होने का खतरा भी रहेगा। ट्रांसलेटेड कंटेंट में फेर-बदल होने जैसे खतरे भी पैदा हो सकते हैं। गूगल एआई डेवलपमेंट के साथ इस तरह के संभावित खतरों को कम करने के लिए अपने तमाम प्रयास कर रहा है।