सुंदर पिचाई ने 600 मिलियन डॉलर के वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में दी गवाही, Ozy मीडिया के अधिग्रहण पर सवाल
ओजी मीडिया के सह-संस्थापक कार्लोस वॉटसन के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे चल रहा है जिसके लिए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने गवाही दी। इसमें वित्तीय धोखाधड़ी और गूगल के हित के झूठे दावों के आरोपों के बीच स्टार्टअप को खरीदने के किसी भी इरादे से इनकार किया गया। इस घोटाले में ओजी के सीओओ समीर राव ने यूट्यूब के एक एग्जिक्यूटिव की तरह खुद को पेश किया था।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अल्फाबेट इंक यानी गूगल की मूल कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने ओजी मीडिया के सह-संस्थापक कार्लोस वॉटसन के खिलाफ चल रहे धोखाधड़ी के मुकदमे में गवाही दी। पिचाई की गवाही ने वॉटसन के दावों को सीधे तौर पर चुनौती दी कि गूगल ओजी को अधिग्रहित करने में दिलचस्पी रखता है।
बता दें कि वॉटसन पर ओजी की व्यावसायिक सफलता को बढ़ा-चढ़ाकर बताकर निवेशकों को धोखा देने का आरोप है। इस योजना के एक केंद्रीय तत्व में ओजी को 'सैकड़ों मिलियन डॉलर' में खरीदने के गूगल के इरादे का झूठा दावा करना भी शामिल था।
ओजी मीडिया का पतन
ओजी एक प्रमुख मीडिया स्टार्टअप है , जो पहले भी एक बार तब ध्वस्त हो गया जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया कि सीओओ समीर राव ने गोल्डमैन सैक्स बैंकरों के साथ कॉल के दौरान एक वरिष्ठ यूट्यूब एग्जिक्यूटिव की तरह खुद को पेश किया था। ये कदम वॉटसन और राव द्वारा निवेशकों को गुमराह करने के प्रयास का हिस्सा था, ताकि वे यह मान लें कि ओजी एक लाभदायक कंपनी है।पिचाई ने अधिग्रहण के दावों का किया खंडन
हालांकि गूगल ने कभी भी ओजी को अधिग्रहित करने पर चर्चा नहीं की, मगर पिचाई ने समाचार प्रोग्रामिंग नेतृत्व की भूमिका के लिए वॉटसन पर विचार करने की बात स्वीकार की। इस नियुक्ति में ओजी में 25 मिलियन डॉलर का निवेश शामिल हो सकता है, लेकिन अधिग्रहण प्रस्ताव के रूप में नहीं ऐसा नहीं किया जा रहा है।प्रोसिक्यूटर डायलन स्टर्न से पूछताछ के दौरान, पिचाई ने स्पष्ट रूप से 600 मिलियन डॉलर में ओजी मीडिया को खरीदने की पेशकश से इनकार किया।
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