इधर आपने इंटरनेट पर किया पोस्ट, उधर AI मॉडल करेगा इसका इस्तेमाल... Google ने बदली प्राइवेसी पॉलिसी
Google changes privacy policy How do AI models get their data गूगल ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किया है। गूगल ने साफ कर दिया है कि इंटरनेट पर मौजूद पब्लिक डोमेन की जानकारियों को वह अपने एआई टूल को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल करेगा। यानी आप का डेटा जो इंटरनेट पर मौजूद है वह भी एआई टूल के जवाबों में शामिल हो सकता है।
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Wed, 05 Jul 2023 08:08 AM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। इन दिनों एआई टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं का इस्तेमाल ट्रेंड में आ गया है। बीते साल अमेरिका की एआई स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई के पॉपुलर चैटबॉट मॉडल चैटजीपीटी को पेश किया गया। यह चैटबॉट शुरुआती महीनों में ही इंटरनेट यूजर्स का पसंदीदा मॉडल बन गया। चैटजीपीटी की खूबी ही है कि यह यूजर्स के लिए ह्यूमन लाइक टेक्स्ट जनरेट करता है।
एआई मॉडल कैसे करते हैं जवाब जनरेट?
यहां आप एक सवाल दागते हैं और तुरंत इसका जवाब आपकी स्क्रीन पर होता है। गूगल का एआई मॉडल बार्ड भी अब यूजर्स को लुभा रहा है। क्या आपने कभी सोचा है कि बार्ड और चैटजीपीटी जैसे एआई चैटबॉट यूजर के सवालों के लिए जवाब कहां से जनरेट कर रहे हैं। इसका जवाब साफ है, वर्ल्ड वाइड वेब पर जो भी जानकारियां मौजूद हैं, उन्हें ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
एआई आधारित चैटबॉट मॉडल यूजर के सवालों के लिए पब्लिक डोमेन में मौजूद डेटाबेस का इस्तेमाल करते हैं। इसी कड़ी में अब पॉपुलर टेक कंपनी गूगल ने यूजर के लिए प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया है।
गूगल ने प्राइवेसी पॉलिसी में क्या बदलाव किया है
गूगल ने हाल ही में एलान किया है कि कंपनी अपनी सर्विस और प्रोडक्ट्स में सुधार के लिए आपकी जानकारियों को इस्तेमाल करती है। यानी जो भी डेटा इंटरनेट पर पब्लिकली मौजूद है, उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।इंटरनेट पर मौजूद यूजर्स की जानकारियों का इस्तेमाल गूगल के एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए किया जा सकता है। इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों का इस्तेमाल गूगल अपने प्रोडक्ट्स जैसे बार्ड, गूगल ट्रांसलेट और क्लाउड एआई कैपेबिलिटी के लिए करेगी।