Google Cloud ने बैंको के लिए एंटी मनी लॉन्ड्रिंग टूल किया लॉन्च, क्या AI की मदद से काले धन पर लगेगी लगाम?
Google Cloud Launch Anti Money Laundering Tool अल्फाबेट के क्लाउड बिजनेस ने बुधवार को एक नया एआई-पॉवर्ड एंटी-मनी-लॉन्ड्रिंग टूल लॉन्च करने की घोषणा की। इसकी मदद से मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बैंकों में संभावित संदिग्ध ऐक्टिविटी की जांच और रिपोर्ट करे के लिए किया जाएगा। इस टूल की मदद से बैंकों के अवैध ट्रांजेक्शन को ट्रैक किया जा सकेगा। (फाइल फोटो-जागरण)
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Fri, 23 Jun 2023 04:55 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। वित्तीय संस्थान लंबे समय से उन प्रणालियों को जांचने के लिए मानवीय विवेक पर निर्भर रहे हैं जो संभावित जोखिम भरे लेनदेन और ग्राहकों का पता लगाने में मदद करती हैं। अब, Google क्लाउड चाहता है कि वह अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को उस प्रक्रिया पर अधिक कंट्रोल रखने दे।
अल्फाबेट के क्लाउड बिजनेस (Alphabet’s Cloud Business) ने बुधवार को एक नया एआई-पॉवर्ड एंटी-मनी-लॉन्ड्रिंग टूल लॉन्च करने की घोषणा की। इसकी मदद से मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बैंकों में संभावित संदिग्ध ऐक्टिविटी की जांच और रिपोर्ट करे के लिए किया जाएगा। आइए डिटेल से जानते हैं ये बैंकों के लिए कैसे मददगार साबित होगा।
एंटी मनी लॉन्ड्रिंग AI ऐसे करेगा काम
एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एआई (Anti Money Laundering AI) के पहले ही काफी ज्यादा यूजर्स हैं, जिनमें लंदन स्थित एचएसबीसी, ब्राजील के बैंको ब्रैडेस्को और डेनमार्क स्थित डिजिटल बैंक लूनर शामिल हैं। इसका लॉन्च तब हुआ है जब अग्रणी अमेरिकी तकनीकी कंपनियां एआई ऐप चैटजीपीटी की सफलता के बाद अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताओं का इस्तेमाल कर रही हैं। बता दें, वर्षों से वित्तीय संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अधिक पारंपरिक रूपों पर भरोसा करते रहे हैं ताकि उन्हें अरबों लेन-देन को सुलझाने में मदद मिल सके।
एंटी मनी लॉन्ड्रिंग AI ऐसे रखेगा कंट्रोल
Google क्लाउड अधिकारियों का तर्क है कि मैन्युअल रूप से इनपुट किए गए नियम उन संख्याओं को बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिए, एक यूजर प्रोग्राम को उन ग्राहकों को चिह्नित करने के लिए कह सकता है जो $10,000 से अधिक जमा करते हैं या 10 से अधिक अकॉउंट में एक ही राशि के कई लेनदेन भेजते हैं।सिस्टम-जनरेटेड अलर्ट की संख्या जो खराब लीड साबित होती है, या जिसे उद्योग "False Positives" कहता है। थॉमसन रॉयटर्स रेगुलेटरी इंटेलिजेंस के रिसर्च के अनुसार ऐसी प्रणालियों द्वारा उत्पन्न झूठी सकारात्मकता का प्रतिशत 95% तक है। एंटी मनी लॉन्ड्रिंग AI की मदद से बैंकों में होने वाले ट्रांजेक्शन को आसानी से ट्रैक करना आसान हो जाएगा।