कंपनियों की मदद के लिए Google ने पेश किया नया AI, साइबर सिक्योरिटी के खतरों से निपटने में होगी आसानी
Google ने कंपनियों की सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर एक नए AI मॉडल की घोषणा की है। गूगल का नया मॉडल मालवेयर फ्रंटलाइन इंटेलिजेंस का लाभ उठाकर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। (फाइल फोटो जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक कंपनी Google आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में लगातार काम कर रही है। कंपनी ने साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए LLM या लार्ज लैंग्वेज मॉडल के इस्तेमाल की घोषणा की है। गूगल ने Google क्लाउड सिक्योरिटी एआई वर्कबेंच की घोषणा की है, जो एक स्पेशल सिक्योरिटी लार्ज लैंग्वेज मॉडल पॉवर्ड प्लेटफॉर्म है।
यह एक बड़ा लैंग्वेज मॉडल है, जो सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। गूगल क्लाउड सिक्योरिटी के वीपी/जीएम सुनील पोट्टी ( Sunil Potti) ने जानकारी दी है कि नया सिक्योरिटी मॉडल प्राइवेसी के खतरे से आसानी से निपट सकता है।
गूगल ने पेश किया क्लाउड सिक्योरिटी AI
Google क्लाउड सिक्योरिटी एआई वर्कबेंच ने एक नया सेटअप पेश किया है, जो यूजर्स को थ्रेट ओवरलोड, समय लेने वाले टूल और टैलेंट गैप से लड़ने में मदद करेगा। इसके अलावा कंपनी ने घोषणा की है कि वह ग्राहकों को थ्रेट इंटेलिजेंस, वर्कफ्लो और अन्य जरूरी सुरक्षा के लिए प्लग-इन इंटीग्रेशन देगी।
कंपनी को उम्मीद है कि एआई-आधारित सिक्योरिटी पेश करके वह आईटी कंपनियों और दूसरों को ज्यादा सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होगी। बता दें, आयरिश अमेरिकी कंपनी एक्सेंचर नए सिक्योरिटी एआई फीचर का टेस्टिंग करने वाली पहली भागीदार बन गई है। इसका मुख्यालय डबलिन में है।
Google ने इन टूल को भी किया लॉन्च
Mendicant Threat Intelligence AI
यह टूल मैंडिएंट के व्यापक खतरे के ग्राफ पर आधारित है और संगठन से संबंधित खतरों की जल्दी से पहचान करेगा। यह उनके बारे में बताकर उनसे निपटने के उपाय बताएगा।
Assured OSS
Google का ये टूल ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर में आई दिक्क्तों को हल करने के लिये बड़े लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल करेगा।
Security Command Centre AI
Google के अनुसार, यह काम्प्लेक्स ग्राफ अटैक के जोखिम को कम करेगा। यह जटिल हमले के ग्राफ का सरलीकरल करने में मदद करेगा। इसके अलावा यह Google क्लाउड के लिए सुरक्षा और गोपनीयता के लिए एआई-संचालित जोखिम के बारे में भी बताएगा।