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Google Doodle: मलयालम फिल्म की पहली महिला अभिनेत्री पीके रोजी को गूगल ने दिया सम्मान

Google अपने Doodle को समय-समय पर अपडेट करता रहता है और खास दिनों पर इसे लोगों या त्योहारों के डेडिकेट करता है। इस बार का डूडल मलयालम की पहली महिला अभिनेत्री पीके रोजी को डेडिकेट किया है। बता दें कि आज अभिनेत्री रोजी का जन्मदिन है। (जागरण फोटो)

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Fri, 10 Feb 2023 09:14 AM (IST)
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Google Doodle today dedicated to Malayalam first female actors PK rosy
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google ने आज का अपना डूडल एक ऐसी महिला को सम्मानित करने के लिए बनाया है, जो खुद में ही एक मिसाल थी। हम बात कर रहे हैं मलयालम फिल्मों की पहली महिला कलाकार पीके रोज़ी की। गूगल ने अपने Doodle द्वारा उनको सम्मानित किया है। बता दें कि वह मलयालम सिनेमा में पहली महिला बनीं, जिन्होंने फिल्म में काम किया। 

क्यों बना Google Doodle?

बता दें कि पीके रोजी का जन्म 10 फरवरी 1903 में तिरुवनंतपुरम, पूर्व में त्रिवेंद्रम (केरल की राजधानी) में राजम्मा के रूप में हुआ था। अभिनय के लिए रोजी का जुनून कम उम्र में ही शुरू हो गया था, लेकिन समाज में उस समय महिलाओं के काम करने को लेकर कई कठोर नियम थे।

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ये थी पहली फिल्म

वह एक ऐसे युग में थी, जब समाज के कई वर्गों में प्रदर्शन कला को हतोत्साहित किया जाता था, विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजी ने मलयालम फिल्म विगाथाकुमारन (द लॉस्ट चाइल्ड) में अपनी भूमिका के साथ बाधाओं को तोड़ा। आज भी उनकी कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती है।

पीके रोजी मलयालम फिल्म और इनसे जुड़े तथ्य

पीके रोजी ने 25 साल की उम्र में अपनी पहली फिल्म की थी। 1928 में बनी विगाथाकुमारन (द लॉस्ट चाइल्ड) एक मूक मलयालम फिल्म थी। रोजी ने उस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी। वह मलयालम सिनेमा की पहली नायिका और भारतीय सिनेमा की पहली दलित अभिनेत्री थीं।

पहली फिल्म से जुड़े विवाद

इस फिल्म में रोजी ने एक नायर महिला सरोजिनी की भूमिका निभाई थी। जब फिल्म रिलीज हुई, तो एक उच्च समुदाय के सदस्य एक दलित महिला को उनके समाज को चित्रित करने के कारण क्रोधित थे। इतना ही नहीं उसके घर को उच्च जातियों द्वारा जला दिया गया था।

अपने जान बचाने के लिए रोजी एक लॉरी में भाग गई जो तमिलनाडु की ओर जा रही थी। बाद में उन्होंने लॉरी चालक केशवन पिल्लई से शादी की और अपना जीवन 'राजम्मल' के रूप में व्यतीत किया।मजेदार बात यह है कि मलयालम सिनेमा में महिला अभिनेताओं के एक समाज ने खुद को पीके रोजी फिल्म सोसाइटी का नाम दिया।

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