Move to Jagran APP

गूगल ने एंड्रॉयड और प्ले स्टोर में किए बदलाव, डिफाल्ट सर्च की सुविधा के साथ प्री-लोडेड गूगल एप्स की छुट्टी

हाल ही में गूगल ने एंड्रॉयड और प्ले स्टोर के लिए कुछ जरूरी बदलावों की जानकारी दी है। इन नए अपडेट के साथ अब यूजर्स को डिफाल्ट सर्च की सुविधा मिलती है। इसके आलावा आपको प्री-लोडेड गूगल एप्स से भी छुटकारा मिल जाता है।( जागरण फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Ankita PandeyUpdated: Wed, 01 Feb 2023 10:32 AM (IST)
Hero Image
New updates for android and google play store, know the details here
नई दिल्ली, ब्रह्मानंद मिश्र। गूगल ने एंड्रायड और प्ले स्टोर से संबंधित कई बदलावों की घोषणा की है। इससे यूजर्स जहां डिफाल्ट सर्च की सुविधा मिलेगी, वहीं प्री-लोडेड गूगल एप्स से छुटकारा मिल जाएगा। जानते हैं इन बदलावों और प्रभावों के बारे में...

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने अपनी एक रिपोर्ट में देश के स्मार्टफोन इकोसिस्टम में गूगल द्वारा प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। लंबी कानूनी जद्दोजहद के बाद गूगल सीसीआइ के दिशा-निर्देशों पर सहमत होते एंड्रायड से संबंधित बदलावों के लिए तैयार हो गया। हालांकि, सीसीआइ के कई प्रश्नों का गूगल द्वारा जवाब देना अभी बाकी है। जिन मुद्दों को लेकर गूगल सवालों के घेरे में है, उनमें एंड्रायड स्मार्टफोन में प्री-इंस्टाल्ड एप, यूजर्स के पास सर्च इंजन या वेब ब्राउजर का विकल्प नहीं होना, प्री लोडेड गूगल एप्स का अनइंस्टाल नहीं कर पाना और प्ले स्टोर पर डेवलपर्स तथा कस्टमर के लिए थर्ड पार्टी बिलिंग एप नहीं होने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

यह भी पढ़ें - Budget 2023 Live Updates: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बजट को औपचारिक मंजूरी दी, निर्मला सीतारमण 11 बजे करेंगी पेश

गूगल का 'वाल्ड गार्डन एप्रोच'

गूगल के एंड्रायड का बाजार वर्चस्व (अंडर वाल्ड गार्डन एप्रोच) क्रास-सब्सिडी के एक जटिल माडल पर आधारित है। इसमें एक तरफ गूगल सर्च इंजन और ई-मेल जैसी सेवाएं मुफ्त देकर बड़ा यूजर बेस तैयार करता है, तो दूसरी तरफ इस व्यापक यूजर बेस का फायदा विज्ञापन राजस्व के लिए उठाता है। यहां तक कि थर्ड पार्टी एप्स भी गूगल की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकते। इस तरह गूगल विज्ञापन इकोसिस्टम के दोनों हिस्सों को नियंत्रित करता है-उपभोक्ताओं के व्यापक बेस के साथ-साथ थर्ड पार्टी एप डेवलपर्स को भी। इस तरह गूगल एक वाल्ड गार्डन तैयार करता है।

गूगल की नई एप पालिसी

गूगल सीसीआइ दिशा-निर्देशों के तहत जरूरी बदलावों के लिए भले ही तैयार हो गया है लेकिन, यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए गूगल को अपने एंड्रायड इकोसिस्टम में अपने स्तर पर कई बड़े परिवर्तन करने होंगे। ये परिवर्तन ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर (ओईएम) और डेवलपर्स के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे...

डिफाल्ट सर्च इंजन में बदलाव

अब एंड्रायड स्मार्टफोन यूजर्स को डिफाल्ट सर्च इंजन चुनने की अनुमति होगी। यूजर्स को 'वाया ए च्वाइस स्क्रीन' के जरिये डिफाल्ट सर्च इंजन चुनने का विकल्प मिलेगा। कंपनी के मुताबिक, जब कोई भारतीय यूजर नये एंड्रायड स्मार्टफोन या टैबलेट का सेटअप करेगा, तो च्वाइस स्क्रीन के तहत उसे डिफाल्ट सर्च इंजन चुनने का विकल्प मिलेगा।

हालांकि, मौजूदा यूजर अगर दूसरा सर्च इंजन चुनना चाहें, तो क्या उनके लिए यह विकल्प होगा, इसे लेकर अभी कन्फर्म नहीं किया गया है। इससे पहले प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में यूरोपीय समूह (ईयू) द्वारा गूगल पर 4.3 अरब डालर का जुर्माना लगाया था। इसके बाद गूगल को ईयू नियमों के मुताबिक यूजर को वैकल्पिक व्यवस्था देनी पड़ी। सितंबर 2021 से यूरोप और ब्रिटेन के एंड्रायड उपभोक्ताओं को च्वाइस स्क्रीन का विकल्प मिल रहा है। वहां यूजर अब वेब ब्राउजर और सर्च इंजन के लिए डिफाल्ट एप या सर्विस चुन सकते हैं।

प्री-लोडेड गूगल एप्स की बाध्यता नहीं

फोन, टैबलेट निर्माता और अन्य एंड्रायड डिवाइस ब्रांड यानी ओईएम के पास गूगल एप्स के पूरे सेट को इंस्टाल करने की बाध्यता नहीं होगी यानी वे गूगल के किसी भी एप को अपनी मर्जी से लाइसेंस दे सकेंगे। अभी कंपनियों को गूगल सेवाओं के पूरे सुईट को चुनने की बाध्यता होती है। हालांकि, गूगल अपने किन-किन एप्स के लिए यह सुविधा देगा, इसे लेकर स्पष्ट नहीं किया है। फोन निर्माताओं के साथ गूगल मोबाइल एप्लीकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (एमएडीए) करता है। हालांकि, कस्टमाइजेशन की सुविधा के चलते फोन निर्माता कंपनियां गूगल की शर्तों पर भीतैयार हो जाती हैं।

बदलेगा गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम

आने वाले महीनों में यूजर्स को बिलिंग के अन्य विकल्प मिलेंगे। गूगल के इस निर्णय के बाद डेवलपर्स के पास गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम के साथ-साथ वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम आफर करने की सुविधा होगी। इससे इन-एप डिजिटल कंटेंट को खरीदने के लिए यूजर अन्य माध्यमों का भी प्रयोग कर सकेंगे। इससे पहले 2021 में कोरिया में गूगल ने प्ले स्टोर डेवलपर्स को वैकल्पिक पेमेंट चुनने का विकल्प दिया था।

अन्य स्रोत के एप्स को सपोर्ट करेगा एंड्रायड

गूगल ने कहा है कि अन्य स्रोत से इंस्टाल किये जाने वाले एप्स, यहां तक कि साइडलोडिंग (डिवाइस स्टोरेज के जरिये होने वाला इंस्टालेसन) एप्स को एंड्रायड अनुमति देगा और इन एप्स को आटो अपडेट करेगा। साथ ही, गूगल ने यूजर्स की सिक्योरिटी को भी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। फिलहाल, गूगल प्ले स्टोर और एंड्रायड के एप्लीकेशन स्टोर के अलावा किसी थर्ड पार्टी एप स्टोर को आधिकारिक तौर पर सपोर्ट नहीं करता है।

यह भी पढ़ें - Budget 2023:बजट के हर पल पर रहेगी आपकी नजर, इन तरीको से देख सकेंगे लाइव स्ट्रीमिंग