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AI जेनरेटेड इमेज और डीपफेक से निपटने के लिए गूगल ने लॉन्च किया नया टूल

Google ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से बनी फेक और डीपफेक तस्वीरों की पहचान करने के लिए नया टूल पेश किया है। Google ने कहा कि Google Images Lens और Circle to Search पर दिखने वाली इमेज में कंटेंट क्रेडेंशियल में शामिल जानकारी से पता लगाया जा सकेगा कि इमेज एआई टूल से बनी है या नहीं। कंपनी यूट्यूब के लिए भी ऐसे ही टूल बना रही है।

By Jagran News Edited By: Subhash Gariya Updated: Wed, 18 Sep 2024 07:24 PM (IST)
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मिसइन्फॉर्मेशन से निपटने के लिए गूगल ला रहा नया टूल
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Google ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से बनी तस्वीरों की पहचान करने के लिए नया टूल पेश किया है। कंपनी इस साल फरवरी से कंटेंट प्रोवेनेंस एंड अथॉरिटी (C2PA) की एक्टिव मेंबर है। यह संगठन नई टेक्नोलॉजी के स्टेंडर्ड के डेवलमेंट के लिए काम करता है। इसके साथ ही गूगल एआई जेनरेटेट कंटेंट के लिए वाटरमार्क क्रिएट करने वाले टूल पर भी काम कर रहा है।

एआई जेनरेटेड फोटो का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ये तस्वीरे प्रॉम्प्ट के जरिए तैयार की जाती हैं तो कई बार असली लगती हैं। ऐसे में ये कई तरह के जोखिम लेकर आते हैं। डीपफेक इमेज इसका उदाहरण है, जिन्हें मिसइनफॉर्मेशन के लिए जाना जाता है।

पहले से ज्यादा सुरक्षित है टेक्नोलॉजी

गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि उनसे संगठन के दूसरे मेंबर के साथ मिलकर कंटेंट क्रेडेंशियल्स नाम से टेक्नोलॉजी स्टेंडर्ड का पहले से ज्यादा सुरक्षित वर्जन पेश किया है। नई टेक्नोलॉजी के पहले से ज्यादा मजबूत और किसी भी प्रकार की टेंपरिंग के लिए ज्यादा इफेक्टिव बनाया गया है। यह टूल गूगल के जरिए एआई इमेज को लेबल करने के लिए किया जाएगा।

Google ने कहा कि Google Images, Lens और Circle to Search पर दिखने वाली इमेज में कंटेंट क्रेडेंशियल में यह जानकारी शामिल होगी। यानी यूजर्स किसी भी फोटो के About this image सेक्शन में जाकर ये देख पाएंगे कि इमेज को किसी भी प्रकार के एआई टूल की मदद से बनाया गया है या फिर इसे एडिट किया गया है।

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इसके साथ ही, Google अपने एडवरटाइजिंग सिस्टम को C2PA मेटाडेटा के साथ इंटीग्रेट करने की भी प्लानिंग कर रहा है। यह डेटा भविष्य में कंपनी की प्रमुख नीतियों और नियम कानूनों के बारे में जानकारी देगा। इसके साथ ही कंपनी YouTube पर भी यूजर्स को C2PA इंफॉर्मेशन देने के तरीके पर काम कर रहा है। ताकि यूजर्स यह जान पाए कि वीडियो कैमरे से शूट किया गया है या डिजिटल रूप से बनाया गया है।